8 मार्च यानी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सांसद शशि थरूर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के दफ्तर पहुंचे और उनसे स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध बनाने पर चर्चा की. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. थरूर ने बताया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी अपील पर ध्यान दिया है और कहा है कि वो कानून में संशोधन पर विचार करेंगे.
आपको बता दें कि क्विंट कुछ वक्त से स्टॉकिंग के खिलाफ #TalkingStalking कैंपेन चला रहा है. क्विंट ने शशि थरूर के ऑफिस के साथ एक प्रस्ताव भी तैयार किया है.
बीते कुछ महीनों में #TalkingStalking चुप्पी तोड़ो अभियान के तहत क्विंट ने स्टॉकिंग का सामने करने वाले कई लोगों की कहानियां सुनीं और उनकी मदद की कोशिश भी की.
डॉ. शशि थरूर और कामिनी जायसवाल का साथ
क्विंट को इस मिशन में डॉ. शशि थरूर और कामिनी जायसवाल का साथ भी मिला है. वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल के साथ मिलकर क्विंट ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध बनाने का प्रस्ताव है. इसमें उन दलीलों को शामिल किया गया है जो स्टॉकिंग जैसे गंभीर अपराध को जमानती अपराध की श्रेणी से बाहर निकालने की वकालत करते हैं. क्विंट ने डॉ. शशि थरूर के दफ्तर के साथ मिलकर इस संबंध में एक प्राइवेट मेंबर बिल तैयार किया जिसे संसद में दाखिल कर दिया गया है.
स्टॉकिंग को बनाना है गैर-जमानती अपराध
क्या आप जानते हैं कि स्टॉकिंग एक जमानती अपराध है. जिसकी वजह से स्टॉकर, बिना किसी गहरी जांच-पड़ताल के जमानत पर छूट जाते हैं. इसका एक असर ये भी होता है कि स्टॉकिंग का सामना करने वाले लोगों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाता है जैसे एसिड अटैक, रेप या हत्या तक.
यही वजह है कि क्विंट ने वर्णिका कुंडू के साथ मिलकर change.org पर एक पिटीशन जारी की है. क्विंट इस पिटीशन के जरिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील करता है कि स्टॉकिंग को एक गैर-जमानती अपराध बनाने संबंधित कानून जल्द से जल्द लाया जाए.
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