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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
वीडियो प्रोड्यूसर: देबायन दत्ता
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटे एक महीना बीत चुका है लेकिन, अब भी दुकानें बंद हैं. स्कूल से लेकर सड़कें सूनी हैं. ये सब तब, जब घाटी में 'बंदिशें' कम कर दी गई हैं. बताया जा रहा है कि सब कुछ सामान्य है, लेकिन क्या ऐसा है?
डाउनटाउन के इलाकों में सिविल कर्फ्यू जैसे हालात हैं. लोग अपनी मर्जी से घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.स्कूल खुले हैं, लेकिन छात्र स्कूलों में नहीं जा रहे हैं.
स्थानीय लोगों का दावा है कि डल झील और अन्य पानी वाले रास्ते खरपतवार से ढंके हुए हैं.
घाटी में आर्टिकल 370 हटाए जाने के एक सप्ताह बाद तक स्कूल बंद थे. कुछ स्कूलों के आधिकारिक रूप से खुलने के बाद भी, उनमें से कई फिर से बंद कर दिए गए, क्योंकि छात्र स्कूल नहीं आ रहे थे.
ऑटोरिक्शा ड्राइवरों का कहना है कि ज्यादातर प्राइवेट गाड़ियां ही सड़कों पर चलती हैं. इसके अलावा सड़कें सुनसान रहती हैं. स्थानीय लोग ज्यादातर घर के अंदर ही रहते हैं.
आर्टिकल 370 को हटे एक महीना बीत चुका है लेकिन श्रीनगर के लोगों को अभी भी सबकुछ ठीक होने का इंतजार है.
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