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29 साल की लक्ष्मी एसिड अटैक से लड़कर खड़ी हुई हैं. 22 अप्रैल 2005 में एक शख्स ने लक्ष्मी के चेहरे पर एसिड फेंक दिया था. लक्ष्मी बताती हैं कि हमले के बाद ढाई महीने अस्पताल में बिताने के बाद, जब वो वापस लौटी, तो घर के सारे शीशे छिपा लिए गए. ताकि वो अपना चेहरा न देख सकें. लेकिन एक दिन, उन्होंने अपना चेहरा देख लिया.
क्विंट ने बहादुर लक्ष्मी से मुलाकात की. स्टॉकिंग की शिकार होने वाली लड़कियों को चार बड़ी चीजें जानना जरूरी है. लक्ष्मी वही अहम बातें बता रही हैं.
लक्ष्मी कहती हैं कि कुछ लोग लड़कियों को गलत नजर से देखते हैं क्योंकि उनकी सोच ही वैसी होती है. ये मायने नहीं रखता कि आपने किस तरह के कपड़े पहन रखे हैं. छोटे या बड़े कपड़ो की बात नहीं होती.
लक्ष्मी जॉब करना चाहती थीं. एसिड अटैक से पहले 19 अप्रैल 2015 को लक्ष्मी के पास उस शख्स ने मैसेज करके प्यार का इजहार किया था. लेकिन लक्ष्मी ने कोई जवाब नहीं दिया था. अगले दिन शख्स फोन करके पूछता है, "लक्ष्मी आप अपने सपने पूरा करना चाहती हो न, अपने मां बाप का सपना पूरा करना चाहती हो न?" लक्ष्मी ने कहा 'हां'. ये सुनकर लड़के ने फोन काट दिया. फिर अगले दिन एसिड अटैक की वारदात हो गई.
आज लक्ष्मी इतनी मशहूर हैं कि वो करोड़ों लोगों की प्रेरणा हैं. उन्हें कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. लक्ष्मी कहती हैं कि कोई भी आपके सपने नहीं मार सकता, आप सपने कभी भी पूरे कर सकते हैं.
लक्ष्मी बताती है कि गलती किसी की भी हो, आपके पास हमेशा न कहने का अधिकार होता है.
लक्ष्मी कहती हैं कि कोई लड़का आपके पीछे पड़ा है, तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं है.
लक्ष्मी ने क्विंट के #TalkingStalking कैंपेन की तारीफ की और सभी से इसका समर्थन करने की अपील भी. इस कैंपेन का मकसद स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध बनवाना है.
ये स्टोरी पहली बार TheQuint पर छापी गई थी
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