साइबर धमकी का मामला. एक नाबालिग लड़की को उसकी ‘नग्न’ तस्वीर का इस्तेमाल कर ब्लैकमेल किया गया. यह तस्वीर फोटोशॉप के जरिये तैयार की गई थी. इसमें किसी की बॉडी पर लड़की का चेहरा चिपका दिया गया था. लेकिन पुलिस ने उसे शर्मिंदा किया. एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की. लड़की न्याय चाह रही थी.
इसके बाद क्या हुआ ?
इस मामले में पुलिस को आरोपी की पहचान करने में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लग गया और वह अभी भी खुल्लमखुला घुम रहा है. जब इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर एक नाबालिग को ब्लैकमेल करने वाले 17 साल के लड़के की पहचान उदयपुर पुलिस ने की, तब कहीं जाकर सलेहा पाटवाला को चैन मिला. आरोपी ने उसकी बहन की तस्वीर इंटरनेट पर किसी महिला की नग्न तस्वीर पर चिपका दी थी. इसके बाद भी उसकी हरकत बंद नहीं हुई. लड़का उस पर बात करने का दबाव बनाने लगा और धमकी देने लगा.
लेकिन सलेहा का रास्ता आसान नहीं रहा
सोशल मीडिया ने बहुत मदद की; इस घटना के बारे में फेसबुक पर मेरी पोस्ट और मेनका गांधी की मेरे ट्वीट पर प्रतिक्रिया ने आरोपी की पहचान करने की प्रक्रिया तेज कर दी. वहीं पुलिस जो पहले मेरी बहन के ऊपर आरोप लगा रही थी,अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से फोन आने पर चुस्त हो गई.
सलेहा पाटवाला ने द क्विंट से कहा
सलेहा केस की प्रगति और पुलिस की कार्रवाई को देखकर खुश है. शिकायत करने के करीब 6 महीने बाद 8 अगस्त 2017 को उसे पुलिस का मेल आया कि आरोपी का आईपी एड्रेस लंदन की किसी जगह का है और बदली हुई तस्वीर को हटा दिया गया है.
बिल्कुल निराश हो गई थी लेकिन मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. मैं और मेरे पापा केस को फॉलो करते रहे क्योंकि हमलोग चाहते थे कि जिसने भी यह किया है, उसे गिरफ्तार किया जाए.सलेहा पाटवाला
लगातार संघर्ष
हर दिन बीतने के साथ आरोपी की तलाश मुश्किल होती जा रही थी. लेकिन सहेला के परिवार ने उम्मीद नहीं छोड़ी.
एक महीने पहले उसके पिता ने संबंधित अधिकारी को फोन कर केस की प्रगति के बारे में पूछा. तब उन्हें मालूम हुआ कि पुलिस ने आरोपी की आईडी का पता लग लिया है और उसे गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन आरोपी का कहना था कि उसका सिम कार्ड बहुत पहले ही खो गया था. पुलिस ने फिर से जांच शुरू की और उस सिम का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को पुणे से खोज निकाला. आरोपी अब आखिरकार पहचान लिया गया था.
दूसरे दिन, मुझे और मेरे पापा को आरोपी के परिवार और रिश्तेदारों की तरफ से उसे माफ करने के लिए फोन आने लगा. उन्होंने कहा कि वह कम उम्र का लड़का है और वे लोग हमें केस वापस लेने के लिए कहने लगे. आरोपी के एक रिश्तेदार का कहना था कि “गलती तो बच्चों से ही होती है.सलेहा पाटवाला
“आरोपी की मां ने कहा कि एक मां की नजर से सोचो, वह सिर्फ 17 साल का है. उसने यह भी कहा कि वह खुद उसे सजा देगी.
लगातार फोन आने के बाद सलेहा के पिता नहीं चाहते थे कि आरोपी के घरवाले और परेशान हों और वह केस वापस लेने की सोचने लगे लेकिन सलेहा ने ऐसा नहीं करने दिया.
द क्विंट से बात करते हुए सलेहा कहती हैं, “मैंने न सिर्फ अपनी बहन के लिए बल्कि हर उस लड़की के लिए इस केस को आगे बढ़ाया, जो इस तरह के साइबर अपराध की शिकार होती हैं, लेकिन इसके बारे में बात करने और मामले को बाहर लाने से डरती हैं.
यह गलती नहीं है बल्कि एक अपराध है और इसके लिए सजा मिलनी चाहिए.
सलेहा पाटवाला
कुछ अनसुलझे सवाल
आरोपी की पहचान किए हुए पुलिस को एक महीना हो गया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था. जब भी हम उसे पकड़ने के बारे में पूछते तो हमेशा पुलिस एक या दो दिन में गिरफ्तार करने की बात कहती.
हमलोग जानते हैं कि आरोपी आज न कल पकड़ा जाएगा. पिछले महीने हत्या का एक मामला सामने आ गया, जिसके कारण इस मामले में थोड़ी देर हो गई.पुलिस अधिकारी
उन्होंने मुझे बताया कि आरोपी पुणे में छिपा हुआ है और उसे उदयपुर वापस आने को कहा गया है. अगर वह नहीं आता है, तो उसे पुणे में ही गिरफ्तार किया जाएगा.
ये स्टोरी पहली बार TheQuint पर छापी गई थी
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