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उत्तर प्रदेश के आगरा के इरादत नगर (Iradat Nagar) क्षेत्र में हुई पुलिस एनकाउंटर में मारे गए युवक के मामले में पुलिस फंसती दिख रही है. युवक की मां ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर कर बेटे को मारने के आरोप लगाए थे. अब मां के प्रार्थना पत्र पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही पुलिस आयुक्त को जांच एजेंसी से पड़ताल करने के लिए भी लिखा है. मां का कहना है कि उसका बेटा आगरा में अग्निवीर भर्ती देखने के लिए आया था.
कथित फर्जी एनकाउंटर का यह मामला 27 सितंबर 2022 का है. मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के गांव गढ़ौरा की रहने वाली ममता सिंह ने इस मामले में सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें कहा कि 26 सितंबर 2022 को उनका बीटा आकाश घर से अपने भाई विष्णु के पास आगरा आया था. विष्णु आगरा में केंद्रीय आयुध डिपो में कार्यरत है. आकाश को आगरा में अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया की जानकारी लेनी थी.
लेकिन 27 सितंबर को दोपहर को परिजनों को सूचना मिली कि आकाश का एनकाउंटर हुआ है. जिसके बाद पुलिस कस्टडी में इलाज के दौरान 13 नवंबर 2022 को आकाश की मौत हो गई. याचिकाकर्ता मां ममता सिंह ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोष है, वह आगरा में फौज की भर्ती देखने आया था और उसे पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में मार दिया.
पुलिस का दावा है कि ग्वालियर और मुरैना से बड़े पैमाने पर सैया और आसपास के इलाकों से बालू का अवैध खेल चल रहा था. खनन माफिया ने 5 सितंबर 2022 को सैया टोल का बैरियर तोड़कर एक के बाद एक 13 ट्रैक्टर निकाले थे. यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. इसके बाद 27 सितंबर 2022 को आगरा-ग्वालियर मार्ग से चंबल नदी की बालू से लदे ट्रैक्टर ट्रॉली जा रहे थे, पुलिस टीम ने उसका पीछा किया. इसी दौरान सूरजपूरा रोड, नहर पुल से पहले दो ट्रैक्टरों को पुलिस ने घेरा था. मुठभेड़ में ट्रैक्टर चालक को गोली लगी थी. चालक घायल होकर नीचे गिर पड़ा. पुलिस ने घायल को आकाश गुर्जर बताया था. वह मुरैना का रहने वाला था, उसके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए थे.
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