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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
2019 आम चुनाव आ चुके हैं ,साथ ही BJP और कांग्रेस के मेनिफेस्टो भी. तो, किसका मेनिफेस्टो क्या कहता है? सबसे बड़ी चुनौती यानी रोजगार के बारे में कौन, क्या वादा करता है? राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसे कितनी चिन्ता है? आइये, मुख्य मुद्दों पर एक बार नजर डालते हैं.
चुनावी माहौल में कश्मीर पर BJP फिर सख्त हुई है. कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 हटाने को कह रही है. गैर-कश्मीरियों को कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने से रोकने वाली धारा 35A भी अतीत के पन्नों में दफन होगी. BJP का मानना है कि ये धाराएं “जम्मू-कश्मीर के अस्थाई नागरिकों और महिलाओं के साथ भेदभाव हैं”. घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी भी पार्टी के एजेंडे में है.
अब जरा देखते हैं, कांग्रेस का क्या कहना है?
कश्मीर मामले पर कांग्रेस की सोच BJP के बिलकुल उलट है.अपने घोषणापत्र में उसने कहा है कि कश्मीर में धारा 370 से किसी सूरत में छेड़छाड़ नहीं होगी. लेकिन AFSPA पर कांग्रेस का रुख नरम है. उसने आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट की समीक्षा करने और साफ-सुथरे चुनावों का वादा किया है.देशभर में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हिंसा पर भी कांग्रेस ने चिन्ता जताई है.
BJP अपने मेनिफेस्टो में नागरिक संशोधन बिल या CAB को लागू करने को कह रही है. पार्टी ने उस ऐतराज को भी संज्ञान में लिया है जो उत्तर-पूर्वी राज्यों ने इस बिल पर किया है. BJP ने भरोसा दिया है कि ऐतराज दूर कर दिये जाएंगे. इस बिल को लेकर कांग्रेस भी अड़ी हुई हैलेकिन बिल वापस लेने पर. दूसरी ओर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स ऑफ इंडिया पर कांग्रेस नरम है. पार्टी का वादा है कि इस सूची में हर किसी को शामिल किया जाएगा.
क्विंट ने पहले ही बताया था कि BJP के मेनिफेस्टो में उरी और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र जरूर होगा, और ये बात सच साबित हुई. घोषणापत्र में आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस और आतंकवादियों से सख्ती से निपटने के लिए सेना को फ्री हैंड जारी रखने का वादा किया गया है. उधर घरेलू सुरक्षा के मसले पर कांग्रेस ने खुफिया रिपोर्ट एनालिसिस और फौरन कार्रवाई करने पर जोर दिया है. कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने के तीन महीने के अंदर वो National Counter-Terrorism Centre का गठन करेगी.
अब सवाल ये है कि राम मंदिर मुद्दे का क्या हुआ?
2018 के अंत में राम मंदिर को लेकर जमकर हो-हल्ला हुआ था. फिर BJP के सुर बदल गए, हर चुनाव से पहले उठने वाले इस मुद्दे को BJP ने इस बार चुनाव शुरु होने से पहले ही सुला दिया. मेनिफेस्टो में कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए संविधान के तहत संभावनाएं तलाशी जाएंगी.
कांग्रेस के लिए किसानों की दुर्गति और गरीबी बड़े चुनावी मुद्दे हैं. कांग्रेस के मेनिफेस्टो में NYAY, यानी न्यूनतम आय योजना का वादा है. इस योजना में 5 करोड़ सबसे गरीब परिवारों को लाभ हर महीने 6 हजार देने का वादा है. देश के 20% गरीब योजना में कवर होंगे. गरीबी दूर करने के लिए वादा BJP ने भी किया है.BJP सिर्फ गरीब किसानों को ही नहीं, हर किसान को सालाना 6 हजार देगी. साथ ही 60 साल की उम्र पार कर चुके छोटे किसानों पेंशन भी देगी.
आधी आबादी के लिए दोनों पार्टियों के पास क्या है?
दोनों पार्टियों ने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का वादा किया है. महिला आरक्षण को लेकर कांग्रेस कुछ आगे बढ़ गई है और केन्द्रीय नौकरियों में भी आरक्षण देने का वादा किया है. उधर BJP का वादा है कि वो तीन तलाक और निकाह हलाला जैसी परम्पराएं खत्म करने के लिए विधेयक लाएगी. BJP इस विधेयक को यूनिफॉर्म सिविल कोड से जोड़ रही है. पार्टी का कहना है कि जब तक यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू नहीं होगा तब तक लैंगिक समानता नहीं आएगी.
कांग्रेस ने देश के हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए Right to Healthcare Act लागू करने का वादा किया है. BJP के वादों में कुछ नया नहीं है. इतना जरूर है कि अपने मेनिफेस्टो में पार्टी ने कहा है कि साल 2022 तक 1.5 लाख और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे.
रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक है कांग्रेस का आरोप है कि बेरोजगारी के मोर्चे पर BJP सरकार बुरी तरह फेल हुई है. पार्टी ने वादा किया है कि अगर वो सत्ता में आई तो मार्च 2020 तक 24 लाख खाली पड़ी सरकारी नौकरियों पर भर्ती करेगी. साथ ही ग्राम पंचायतों में 10 लाख युवाओं को नौकरी देगी. कांग्रेस ने मनरेगा का भी जिक्र किया है.मनरेगा में रोजगार गारंटी की अवधि 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन करने का वादा किया गया है.
बेरोजगारी पर BJP का मेनिफेस्टो कुछ नहीं कहता. वोटरों को सिर्फ इतना याद दिलाया गया है कि सरकार ने हाल में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में 10% आरक्षण दिया है. BJP ने रोजगार पर कोई साफ वादा नहीं किया है,बस गोलमोल बातें की हैं.
साफ है कि दोनों मेनिफेस्टो के आईने में दो विचारधाराओं के चेहरे दिखते हैं.भारत के दो अलग विजन दिखते हैं. देश के वोटरों को किस भारत का विजन पसंद आता है 23 मई को पता चल जाएगा .
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