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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
दलित आयकन और भारतीय संविधान के जनक डॉ. बीआर अंबेडकर और उनकी पत्नी सविता अंबेडकर की बस पर लगी एक पोस्टर की तस्वीर वायरल हो रही है.
वायरल फोटो के साथ लिखे मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि USA के कोलंबिया में एक सिटी बस में BR Ambedkar और उनकी पत्नी के सम्मान में ये तस्वीरें लगाई गईं हैं.
फेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर इस दावे के साथ वायरल हुई कि अमेरिका बीआर अंबेडकर को आदर्श मानता है
19 सितंबर को फेसबुक यूजर महेंद्र सिंह खंडेलवाल ने एक पोस्ट की, जिसे 9,300 बार शेयर किया गया और वीडियो रिकॉर्ड करने के समय तक 99,000 से ज्यादा रिएक्शन मिल चुकी हैं. फेसबुक और ट्विटर पर एक कीवर्ड सर्च करने पर ये तस्वीर कई लोगों और ग्रुप की टाइमलाइन पर एक जैसी दावों के साथ दिख जाती हैं.
जब हमने इस तस्वीर की जांच की तो हमें पता चला की इस तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च से विकिमीडिया पर एक बस की तस्वीर मिलती है जो वायरल फोटो की बस से मिलती जुलती है. विकिमीडिया पर लिखी जानकारी से पता चलता है कि ये तस्वीर इंग्लैंड के बाथ में एक टूरिस्ट बस की है 28 जुलाई 2008 को Adrian Pingstone ने ये तस्वीर क्लिक की थी
वायरल तस्वीर और विकिमीडिया की तस्वीर को मिलाने पर पता चलता है कि ओरिजिनल विकिमीडिया की तस्वीर से छेड़छाड़ की गई है.
हमें डॉ अंबेडकर और सविता अंबेडकर की वायरल इमेज वाली वही तस्वीर भी मिली जो 2017 के एक ब्लॉग में इस्तेमाल की गई थी.
फर्जी तस्वीर का इस्तेमाल कर फैलाया जा रहा झूठ
साफ तौर पर, फर्जी तस्वीर का इस्तेमाल कर झूठ फैलाया जा रहा है. एक नैरेटिव जिसपर आसानी से विश्वास किया जा सकता है. क्योंकि डॉ. अंबेडकर ने, 1927 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में पीएचडी की थी और फिर 1952 में उन्हें मानद उपाधि मिली थी.
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