Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कश्मीर पर सरकार कुछ कहती है, आंकड़े कुछ और कहते हैं

कश्मीर पर सरकार कुछ कहती है, आंकड़े कुछ और कहते हैं

क्या कहते हैं आंकड़ों के पीछे छिपे फैक्ट्स?

कौशिकी कश्यप
वीडियो
Updated:
क्या कहते हैं आंकड़ों के पीछे छिपे फैक्ट्स?
i
क्या कहते हैं आंकड़ों के पीछे छिपे फैक्ट्स?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

कैमरापर्सन: मुकुल भंडारी

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

गृह मंत्री अमित शाह ने 20 नवंबर, 2019 को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात बिल्कुल सामान्य हैं स्कूल, हॉस्पिटल खुले हैं, न्यूज पेपर छपने से लेकर कारोबार तक सब ठीक है.

“उर्दू, इंग्लिश के सभी अखबार, टीवी चैनल चालू हैं...सर्कुलेशन अंतिम समय के अनुकूल ही है...सभी इलाकों में अधिकांश दुकानें खुली रहती हैं, दोपहर में बंद रहती हैं, शाम में खुली रहती हैं...”
अमित शाह, गृह मंत्री

गृह मंत्री ने सदन में जो भी कहा ये शायद “बुनियादी जरूरतें” हैं, नॉर्मेल्सी का पैमाना नहीं!

लेकिन क्या ये दावा सही है? खुद सरकार के दिए डेटा के कारण इन दावों पर सवाल उठते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जिस दिन गृह मंत्री अमित शाह सदन में बोल रहे थे उससे एक दिन पहले 19 नवंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी कश्मीर को लेकर लोकसभा में कुछ सवालों के लिखित जवाब दिए. उन्होंने बताया कि 5 अगस्त से 15 नवंबर 2019 के बीच घाटी में पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था प्रभावित करने के 190 मामले दर्ज किए गए और 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जब किशन रेड्डी से पूछा गया कि क्या पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है? तो उनका जवाब था- हां.

लेकिन मंत्री जी ये किस आधार पर कह रहे हैं? उनके दिए गए डेटा के मुताबिक तो ये साफ ही नहीं हो पा रहा कि दर्ज किए गए 190 मामलों में पत्थरबाजी के मामले कितने हैं और कानून व्यवस्था प्रभावित करने के कितने?

अगर हम पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था के मामलों को मिलाकर देखें तो ऐसे मामले बढ़े ही हैं और ये खुद मंत्री जी का दिया डेटा कह रहा है. जी किशन रेड्डी के मुताबिक, जनवरी से 4 अगस्त तक 361 पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था से जुड़े मामले दर्ज किए गए. इस हिसाब से देखें तो अगस्त से अब तक हर महीने पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था बिगड़ने की औसतन 63 घटनाएं हुईं जबकि जनवरी से जुलाई तक औसतन ऐसी 51 घटनाएं हो रही थीं.

जी किशन रेड्डी ने कश्मीर में पर्यटन के बारे में भी जानकारी दी.

  • उन्होंने बताया पिछले 6 महीनों में घाटी में टोटल 34.10 लाख टूरिस्ट आए.
  • इसमें 12,934 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं.
  • इस दौरान टूरिज्म से राज्य को 25.12 करोड़ रुपये की इनकम हुई.

इस डेटा को सुनकर लगता है कि जम्मू-कश्मीर में कारोबार अच्छा हो चला है लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट कहती है, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) ने दावा किया है कि आर्टिकल 370 हटने के बाद बीते 3 महीनों के दौरान कश्मीर में कारोबार को 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इंटरनेट, मोबाइल फोन और एसएमएस सेवाओं के बंद होने से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

अब बात एजुकेशन की...

अमित शाह ने कहा सभी स्कूल सुचारु रूप से खुले हैं, 12वीं कक्षा में 99% बच्चों ने एग्जाम दिया. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि बच्चों की अटेंडेंस नहीं के बराबर है. गुलाम नबी आजाद ने जवाब में कहा कि स्कूलों में अटेंडेंस 0 से 5% है.

याद रखिएगा ये वो आंकड़े हैं जो सरकार दे रही है. कश्मीर में प्रतिबंधों के कारण बहुत सारे तथ्य बाहर नहीं आ पाए और नहीं आ पा रहे हैं.

दूसरी तरफ सीमापार से भी सितम कम नहीं हुए, बल्कि बढ़ गए हैं. 12 फरवरी 2019 को गृहमंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से 2018 में 2140 बार सीजफायर उल्लंघन किया गया लेकिन अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 तक सिर्फ 3 महीनों में जम्मू-कश्मीर में सीमापार से होने वाली गोलीबारी की घटनाओं की संख्या 950 है. यानी ये लगभग दोगुनी हो गई हैं और ये कोई भी समझ सकता है कि जब सीमापार से गोलीबारी होती है तो जनजीवन सामान्य नहीं रहता है!

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 26 Nov 2019,03:32 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT