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कैमरा: अभय शर्मा
वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को आतंकवाद से जूझते कश्मीर में ‘हिंदू राज’ नहीं होने का मलाल है. उनका मानना है कि आज कश्मीर के हालात बुरे नहीं होते अगर वहां ‘हिंदू राज’ होता.
29 अक्टूबर को लखनऊ में आयोजित सिख समागम में उन्होंने कहा,
योगी आदित्यनाथ को ऐसे विवादित बयान देते समय याद रखना चाहिए कि वो अब किसी पीठ के महंत नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य यूपी के मुखिया हैं. संविधान की कसम खाकर धर्म के नाम पर भड़काने-उकसाने वाले बयानों से उन्हें बाज आना चाहिए. सीएम बनने के बाद दिए गए ऐसे बयान उनके पुराने अवतार का ही एक्सटेंशन लगते हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ की आॅफिशियल वेबसाइट पर आपको इसके कई नमूने मिल जाएंगे. वेबसाइट yogiadityanath.in पर कश्मीर मुद्दे पर लिखे कई पुराने लेख एक खास धर्म के खिलाफ हेट स्पीच के तौर पर नजर आते हैं.
कुछ हिस्सों पर नजर डालिए-
लेख का शीर्षक- लहूलुहान कश्मीर
लेख का शीर्षक- सावधान !- यह इस्लामी आतंकवाद है
लेख का शीर्षक- इडियट मुजाहिदिन
जम्मू- कश्मीर पर लिखे लेख के इन हिस्सों को पढ़ने के बाद अब योगी आदित्यनाथ के लिए कुछ सवाल.
सीएम सर, क्या अब जनता की सुरक्षा की चिंता भी धर्म देखकर होगी? सुरक्षा पाने, सुरक्षित रहने का अधिकार सबको है. अमन, शांति, सुरक्षा का मतलब ‘हिंदू राज’ या ‘सिख राज’ या ‘मुसलमान राज’ नहीं होता. किसी दर्द पर आप मरहम नहीं लगा सकते हैं तो उसका मजाक तो मत उड़ाइए.
चंद लोगों के अहम की वजह है कि कश्मीर एक विक्टिम बन गया है. समस्या की जड़ में कुछ इतिहास है, कुछ जियो-पॉलिटिकल वजहें है. भारत-पाकिस्तान की खानदानी दुश्मनी है.
कश्मीर की समस्या और सुरक्षा के नाम पर, राजनीतिक फायदे के लिए इसे धर्म का रंग तो मत दीजिए.
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