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पंजाब के अलगाववादी नेता और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए बड़े पैमानी पर तलाश अभियान जारी है. इस बीच पुलिस महानिरीक्षक (IGP) पंजाब सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि पुलिस को संदेह है कि अमृतपाल का पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI से संबंध हो सकते हैं.
सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि “अब तक, 114 लोगों ने शांति और सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की है. उन्हें राउंडअप कर गिरफ्तार कर लिया गया है. उनमें से 78 को पहले दिन गिरफ्तार किया गया था, 34 को दूसरे दिन और दो अन्य को रविवार रात गिरफ्तार किया गया. 10 हथियार भी बरामद किए गए हैं.
सुखचैन सिंह गिल ने कहा, ''राज्य में शांति बरकरार है. कानून और व्यवस्था बिगड़ने की कोई स्थिति नहीं है. 'वारिस पंजाब दे' के कुछ तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिनके खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.'
IGP, पंजाब ने सोमवार को कहा, 'वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है. पुलिस उसे पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं. पंजाब पुलिस साफ कह रही है कि गिरफ्तारी अभी बाकी है और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं.
आईजीपी पंजाब सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि हिरासत में लिए गए चारों लोगों को डिब्रूगढ़ भेजा गया है और अमृतपाल सिंह के चाचा को भी वहां ले जाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि "हिरासत के बाद चार बंदियों को डिब्रूगढ़, असम भेजा गया. वे दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह हैं. एक और बंदी, हरजीत सिंह (अमृतपाल सिंह का चाचा) को भी डिब्रूगढ़ भेजा गया है."
उन्होंने कहा, "गिरफ्तार किए गए सभी पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है." अमृतपाल सिंह और उसके करीबियों को पकड़ने के लिए राज्य भर में और हिमाचल प्रदेश से लगी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
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