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मुजफ्फरनगर: ‘पुलिसवालों’ ने की तोड़फोड़, सब कुछ कैमरे में हुआ कैद
मुजफ्फनगर प्रदर्शन में गोली से 1 की मौत, CCTV तोड़ती नजर आई ‘पुलिस’
शादाब मोइज़ी
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मुजफ्फनगर प्रदर्शन में गोली से 1 की मौत, CCTV तोड़ती नजर आई ‘पुलिस’
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार वीडियो प्रोड्यूसर: देबायन दत्ता
कैमरा- शिव कुमार मौर्या
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दो दिन बाद, क्विंट को वहां का सीसीटीवी फुटेज मिला. फुटेज में दिख रहा है कि रात के अंधेरे में कई गाड़ियों, दुकानों, घरों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.
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शनिवार, 21 दिसंबर की रात ये घटना खालापार इलाके में हुई हिंसा के बाद हुई थी.
फुटेज में पुलिस की वर्दी में कुछ लोग मस्जिद के CCTV, कारों और घरों की खिड़कियों को तोड़ते हुए, लाठी का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं.
एक स्थानीय शख्स का कहना है कि-
“लोग CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद पुलिसवालों ने लोगों पर गोली चला दी. उसके बाद पब्लिक भाग कर घरों में चली गई. फिर पुलिसवालों ने आकर हंगामा किया. उन लोगों ने कैमरे तोड़े, गाड़ियां तोड़ी.”
स्थानीय
मुजफ्फरनगर पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है.
“प्रदर्शनकारियों ने इस तरह की तोड़ फोड़ की. अगर पुलिस के शामिल होने की कोई बात सामने आएगी तो उसकी जांच की जाएगी.”
सतपाल, मुजफ्फरनगर, सिटी एसपी
स्थानीय लोगों को आशंका है कि घटना में पड़ोसी इलाके के लोग भी शामिल हो सकते हैं. एक स्थानीय निवासी का कहना है-
“जब मोहल्ले का कोई आदमी नहीं था तो गिरफ्तारी क्यों हो रही है? मोहल्ले का कोई भी आदमी नहीं था. आसपास से कई लोग आए गांव से और यहां ऐसा काम कर के गए हैं. मोहल्ले वाले तो अपने घरों में छुप कर बैठे थे. हमें खुद परेशानी हो रही थी कि काम कैसे करें? दो दुकाने हैं वो भी नहीं खोल पा रहे थे- क्या करते? 2,500 रुपये रोज का नुकसान हो रहा है. रोना आता है लेकिन क्या कर सकते हैं?”
स्थानीय
पूरे राज्य में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 164 केस दर्ज किए गए, 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 5,312 लोगों को हिरासत में लिया गया. 288 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, जिनमें 61 फायरिंग में घायल हुए.