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कैमरापर्सन: मसरत जेहरा
वीडियो एडिटर: अशीश मैक्यून
कश्मीर की 16 साल की एक लड़की आज 250 दिव्यांग खिलाड़ियों की मदद कर रही है. वो दिव्यागों को अपनी आवाज दे रही है जो बोल सुन नहीं पाते. उसको ये प्रेरणा अपने घर से ही मिली. अरवा उन दिनों को याद करते हुए बताती है, जब वो अपनी मां को देखती थी कि वो बोल सुन नहीं पाती. इसकी वजह से उन्हें कितनी दिक्कत आती है. अरवा को उसके मामा ने साइन लैंग्वेज सिखाई.
आरवा, तमाम खिलाड़ियों के साथ साथ अपनी मां की भी ट्रांसलेटर हैं. वो स्कूल के बाद ट्रांसलेटर का काम करती है.
अरवा अभी सिर्फ 10वीं क्लास में है और उसने इतनी बड़ी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है. कोच जो भी बताते हैं, वो अरवा खिलाड़ियों को ट्रांसलेट करके बताती है. अरवा के लिए ये सब आसान नहीं है. कई बार जब खिलाड़ी नेशनल खेलने जाते हैं तो उसे अपना स्कूल छोड़ना पड़ता है. अपने इस काम के लिए अरवा पैसे भी नहीं लेती.
अरवा के पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं. वो कहते हैं कि उनकी बेटी जो भी कर रही है, उस पर उन्हें गर्व है.
अरवा को उम्मीद है कि उसके इस काम में सरकार मदद करेगी.
(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके.छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)
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