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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
अर्थव्यवस्था के लिहाज से 2019 अच्छा नहीं गुजरा. 2020 में हमारे सामने सवाल होंगे कि हमारी कमाई कैसे बढ़ेगी, जॉब्स कैसे क्रिएट होंगीं, ग्रोथ होगी कि नहीं होगी और अगर ये सब नहीं होंगे तो हमारे लिए खुशहाली कैसे आएगी?
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन ने जोश फेलमैन के साथ मिलकर भारत के इकनॉमी को समझने के लिए एक शोध पत्र लिखा है. शोध पत्र में लिखा गया है कि फिलहाल अर्थव्यवस्था जिस हालात में है उससे साफ है कि ये ICU में जा रही है.
इसके अलावा और भी कई ऐसी चीजें हैं जो परेशानी बढ़ा रही हैं.
बैंकों को पूंजी मिलने के बावजूद लोग लोन नहीं ले रहे हैं. कंपनी टैक्स में राहत से भी निवेश नहीं बढ़ा है. बिजली और सीमेंट की डिमांड में बढ़ोतरी के आसार भी नहीं दिख रहे हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक वित्तीय घाटा 3.5 % से कहीं ज्यादा है. उनकी मानें तो वास्तविक घाटा 5.5% है. बिना बुनियादी सुधार के 2020 में ग्रोथ की संभावना नहीं है. सही डेटा के बगैर सही रास्ता भी मिलना मुश्किल है. सरकार को अगर ग्रोथ चाहिए तो खपत, रोजगार और खेती को बढ़ाना होगा.
2020 में आम लोगों को संभल कर चलना होगा. फिजूलखर्जी से बचें और बचत के लिए एक्सपर्ट्स की राय लें. SIP या म्यूचुअल फंड में ही पैसे लगाएं तो बेहतर होगा.
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