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(वीडियो एडिटर- कनिष्क दांगी)
1 फरवरी को नया बजट आने वाला है. हर साल बजट आने के पहले ये चर्चा लगी रहती है कि हमारी कमाई, नौकरी, बचत, तरक्की में क्या बदलाव होने वाले हैं. लेकिन बजट 2021 के पहले से कुछ कयास लगाए जा रहे हैं, जो जानना जरूरी हैं. बीते दिनों आरबीआई ने अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक पहले के मुकाबले अब कोरोना काल में बैंकों के डूबने वाले कर्ज का प्रतिशत बढ़ गया है.
आरबीआई ने चेतावनी दी है कि कमजोर बैंकों को अपनी कैपिटल जरूरतों का बंदोबस्त अच्छे तरीके से करना चाहिए. प्राइवेट बैंकों ने पिछले दिनों में काफी पूंजी जुटा ली है तो उनकी हालत सरकारी बैंकों के मुकाबले बेहतर है. क्रेडिट ग्रोथ के आंकड़ों पर नजर डालें तो बढ़ोतरी न के बराबर है. लोगों का कहना है कि इस साल का क्रेडिट ग्रोथ करीब 1% रह सकती है.
इसका मतलब है कि फिस्कल स्टिम्युलस के साथ मॉनीटरी स्टिम्युलस के तहत हमने जो सस्ता कर्ज, क्रेडिट गारंटी की बात हमने सुनी थी, लोगों ने उस सुविधा का 40-50% ही लाभ लिया है यानी कि कर्ज में राहत मिलने के बावजूद लोग कर्ज नहीं ले रहे हैं. सरकारी बैंक इस वक्त रिस्क नहीं लेना चाहते हैं वो इसलिए कर्ज खुलकर नहीं दे रहे हैं.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकिंग सेक्टर की वजह से वित्तीय स्थिरता के लिए चुनौती रह सकती है. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में दूसरी अहम बात ये निकलकर आ रही है कि रियल इकनॉमी और फाइनेंशियल बाजारों में फर्क लगातार बढ़ रहा है और ये फर्क चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है. रिजर्व बैंक ने बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थाओं को आगाह किया है कि वो फाइनेंशियल बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले लें.
अगर ग्रोथ नहीं रहेगी तो रिजर्व बैंक की चिंता उभरकर सामने आ सकती है जिसमें एसेट प्राइस के ओवरवैल्यूएशन के कारण पूरे फाइनेंशियल बाजार के ढहने का खतरा रहेगा. रिजर्व बैंक की दूसरी चिंता है मंहगाई न बढ़े. अभी महंगाई नियंत्रण में है लेकिन आगे क्या हालात होंगे अभी नहीं कहा जा सकता. अगर इस खतरे की वजह से रिजर्व बैंक ब्याज दरों को बढ़ाती है तो ग्रोथ पर लगाम लग सकती है.
बैंकिंग की दिक्कतों को सरकार अपने फिस्कल कदमों के जरिए दूर कर सकती है. इसके तहत सरकार एसेट मॉनेटाइजेशन, विनिवेश करना चाहिए, टैक्स बढ़ाने से बचना चाहिए. लेकिन आम आदमी के नजरिए से देखें तो निवेश के लिए सभी तरह के बाजार अभी ओवरवैल्यूड दिख रहे हैं. शेयर बाजार, कमोडिटी, करेंसी मार्केट सभी जगह दाम अपने शिखर पर हैं. ऐसे में नए निवेशकों को सावधान रहना होगा.
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