Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पीएम मोदी की ‘चाय वाली केतली’ क्यों ढूंढ रहे हैं बघेल?

पीएम मोदी की ‘चाय वाली केतली’ क्यों ढूंढ रहे हैं बघेल?

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल पेशे से किसान हैं...

क्‍व‍िंट हिंदी
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पीएम मोदी की ‘चाय वाली केतली’ क्यों ढूंढ रहे हैं बघेल?
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पीएम मोदी की ‘चाय वाली केतली’ क्यों ढूंढ रहे हैं बघेल?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस की जीत के 'मैन ऑफ द मैच' रहे भूपेश बघेल अब राज्य के मुख्यमंत्री हैं. वो पेशे से किसान हैं, लेकिन इतने साल राजनीति में बिताने के बाद भी क्या वो खेती-किसानी से जुड़े रह पाते हैं? इस सवाल के जवाब में क्विंट के खास कार्यक्रम राजपथ में भूपेश बघेल कहते हैं कि वो पहले भी किसान थे और अब भी उनका पेशा तो खेती-किसानी ही है.

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जवाब में वो प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते भी नजर आए. भूपेश बघेल को संदेह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी चाय बेची भी या नहीं. उनका कहना है कि वो अपनी खेती वाली जमीन दिखा सकते हैं, ट्रैक्टर चलाकर दिखा सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री की वो केतली तो किसी ने नहीं देखी, जिसमें वो लोगों को चाय पिलाया करते थे.

छत्तीसगढ़ सीएम ने क्या कहा?

मुझे जुमलेबाजी में विश्वास नहीं है, क्योंकि वो स्टेशन अभी तक है नहीं. किसी ने अब तक उनके (पीएम मोदी) हाथ से चाय पी नहीं है. वो केतली अभी तक किसी ने देखी नहीं, जिसमें वो चाय बेचते थे. कोई आदमी आजतक ये दावा नहीं कर पाया है कि मैंने नरेंद्र मोदी की केतली से चाय पी है.
भूपेश बघेल, सीएम, छत्तीसगढ़

'मैं तो पत्रकारों को अपनी बाड़ी दिखा चुका हूं'

अपने किसान होने के दावे को और मजबूती देते हुए बघेल कहते हैं, ''मेरे साथ तो ऐसा है, मैं हर साल पत्रकारों को अपनी बाड़ी ले जाता हूं, उन्हें नए साल में पार्टी देता हूं. इससे पहले हर साल जो रायपुर के पत्रकार हैं, वो मेरे खेत में जाते थे, वहां दिनभर रहकर भोजन भी करते थे और सब्जियां भी लाते थे.''

किसानों के मुद्दे हैं प्राथमिकता: बघेल

भूपेश बघेल कहते हैं कि किसानों के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता हैं. किसान कर्जमाफी के अलावा सरकार के पास कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनसे छत्तीसगढ़ को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल बनाने की कोशिश है.

क्या कर्जमाफी सिर्फ फौरी समाधान है, ऐसे सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों पर भूपेश बघेल कहते हैं कि ये बात सही है कि ये स्थाई हल नहीं है. उन्‍होंने कहा कि इस देश में जब आप 15 बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर सकते हैं, तो आप किसानों के कर्ज क्यों माफ नहीं कर सकते हैं.

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