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5 राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव काफी करीब हैं. ऐसे में चुनाव के आसपास सरकार क्या कर रही है? क्या करना चाहती है? क्या मुद्दे हैं, जिसमें सरकार उलझी है? इस पर क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास कार्यक्रम 'राजपथ' में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम से बातचीत की.
इस दौरान चिदंबरम ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार की उलझन और मुसीबतों से लेकर, विपक्षी एकता तक की बात की. साथ ही उन्होंने राफेल पर अपने तीन सवाल भी दागे.
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि फिलहाल मैक्रो इकनॉमी की हालत बेहद खस्ता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि सरकार ने एक बड़ा मौका गंवा दिया.
चुनाव में ये सारी बातें मुद्दे के तौर पर सामने आएंगी, क्योंकि युवाओं के पास जॉब नहीं है, नौकरी नहीं है, महिलाएं वर्कफोर्स में शामिल नहीं हो पा रही हैं. SME बेहद खराब स्थिति में है.
इस खास बातचीत में चिदंबरम ने राफेल विवाद पर मोदी सरकार के सामने 3 सवाल भी रखे. उन्होंने कहा कि इस बात से दिक्कत नहीं है कि प्राइवेट कंपनियां बिजनेस कर रही हैं, लेकिन राफेल पर इन तीन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं.
चिदंबरम का कहना है कि ये हर किसी को महसूस हो रहा है कि 2019 में बीजेपी और नॉन बीजेपी पार्टियों की लड़ाई है. ऐसे में चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा पार्टियां एकसाथ आएंगी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि विधानसभा चुनाव में ऐसे गठबंधन के भीतर पार्टियों की संख्या कम हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में ज्यादातर पार्टियां साथ आएंगी.
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