advertisement
वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
कैमरा: अभिषेक रंजन
भारत में अक्सर धार्मिक मामलों पर बहस होती रहती है, लेकिन इन बहस का देश के बच्चों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है? यही पता लगाने के लिए क्विंट ने 13 साल से कम के बच्चों से बात की.
हमने बच्चों से सवाल पूछा कि क्या उन्हें अयोध्या विवाद के बारे में पता है? उनके अनुसार वहां क्या बनाया जाना चाहिए? तो ज्यादातर बच्चों को इस मुद्दे के बारे में पता ही नहीं था. जो जानते थे, उन्होंने बस इतना कहा कि जमीन के एक टुकड़े के लिए लड़ाई नहीं होनी चाहिए. बच्चों ने यह भी कहा कि अगर जमीन पर कुछ बनाने की जरूरत है, तो वहां एक स्कूल या अस्पताल होना चाहिए, जिसका इस्तेमाल सभी समुदाय के लोग कर सके.
हमने दिल्ली-एनसीआर में करीब 30 बच्चों से अलग-अलग धर्म, संस्कृति, सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के बारे में बात की. भगवान के बारे में बात करते वक्त अधिकतर बच्चों ने उन्हें 'शक्ति', 'ऊर्जा' और 'संस्कृति निर्माता' बताया.
लगभग सभी बच्चों ने कहा कि धर्म महत्वपूर्ण नहीं है और देश बिना किसी धर्म के ज्यादा शांतिपूर्ण और खुशहाल होगा. उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के बारे में सबसे बुरी बात ये है कि ये लोगों को बांटता है और लोग इसकी वजह से लड़ते-झगड़ते हैं.
जो लोग धर्म की वजह से लड़ते हैं, उनके लिए इन बच्चों के पास सलाह भी है. बच्चों का कहना है कि उन्हें उनको मारने और गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. लोगों को ज्यादा झगड़ा नहीं करना चाहिए. अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुश रहना चाहिए. उन्हें धर्म पर नहीं उसकी नेकी पर ध्यान देना चाहिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)