advertisement
वीडियो एडिटर: अभिषेक वर्मा
‘ब्लूमबर्ग क्विंट: मध्य प्रदेश ग्रोथ फोरम’ कार्यक्रम के दौरान द क्विंट के एडिटर इन चीफ राघव बहल ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से खास बातचीत की.
नागरिकता कानून पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर वो काम कर रही है जिससे समाज बंटे. नागरिकता कानून पर मध्य प्रदेश का का क्या रूख होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि “हम ऐसी कोई भी चीज लागू नहीं करेंगे, जो समाज को बांटे.”
देखिए उस बातचीत के अंश.
CAA, NPR, NRC पर बहुत शोर है, आपका और मध्य प्रदेश का इसपर क्या रूख है?
काफी साल पहले जब मैं यूथ कांग्रेस में था, एक दिन इंदिरा गांधी के साथ बैठा था. मैंने कुछ कहा और वो मुझसे काफी नाराज हो गईं. उन्होंने मुझसे कहा कि आप कभी इस देश के स्वभाव के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते. इस देश का स्वभाव क्या है? हमारे देश का स्वभाव है- समरसता, भाईचारा. दुनिया में क्या कोई देश है जिसके पास इतने धर्म हों, जातियां हो, भाषाएं हों? तो इसके स्वभाव को छेड़ने की क्या जरूरत है? क्या बहुत बड़ी संख्या में शरणार्थी आ रहे थे? फिर क्या जरूरत थी? जरूरत है रोजगार की, खेती की. ऐसी क्या इमरजेंसी थी जिसके लिए आप इसे कानून के जरिये लेकर आए जो गलत भावना के साथ, देश को बांटता है.
क्या आप इसे लागू करने जा रहे हैं? या आप इसे लागू करने नहीं जा रहे हैं.
ऐसी कोई भी चीज जो समाज को बांटे, इस देश के स्वभाव को और हमारे संविधान की नींव को बिगाड़ता हो, हम उसे नहीं लागू करेंगे.
मुझे NPR पर विपक्ष नहीं समझ में आता क्योंकि ये असल में जनगणना का एक विस्तारित रूप है.
ये NRC से जुड़ने जा रहा है. वो ये तय कर सकते हैं कि आप किसे रजिस्टर करें और किसे नहीं करें. इसकी जरूरत क्या है? क्या ये देश NRC के बगैर नहीं बढ़ सकता, क्या हम ये कह रहे हैं.
हम कई विरोध प्रदर्शन देख रहे हैं. 2 तरह की सोच दिख रही है- एक बड़ा शहरी प्रदर्शन और बीजेपी इससे मजबूत राजनीतिक फायदा उठा सकती है, ये कहकर कि ये अर्बन नक्सलों का दल है, लिबरल, पश्चिमी सोच से प्रभावित लोग सड़कों पर आ रहे हैं लेकिन बाकी देश हमारे साथ है. आपको क्या लगता है जो हो रहा है इसका राजनीतिक फायदा किसे मिलने जा रहा है?
याद रखिए, ग्रामीण भारत काफी स्मार्ट हो चुका है. ग्रामीण भारत लुटियंस दिल्ली से ज्यादा स्मार्ट है और साउथ दिल्ली से भी. इसे बिलकुल साफ समझिए. और वो स्मार्ट हैं, उन्हें पता है कि खेल क्या है. वो गलती कर सकते हैं जो उन्होंने 2019 मई में किया. क्योंकि उनके(बीजेपी) पास एक नैरेटिव है, जो लोगों को आकर्षित करता है. हमारा नैरेटिव सही नहीं था. इसे मानने में कोई नुकसान नहीं है. इसे मानने में कोई दिक्कत नहीं है. तो लोगों ने बीजेपी के नैरेटिव को चुना लेकिन क्या आपको लगता है कि लोग बेवकूफ हैं. वो ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. अभी मौजूदा चुनौती क्या है? बेरोजगारी. आज इस देश के युवा काफी अलग हैं. आज के युवा उस सोच से अलग सोच रखते हैं, जैसा हम और आप जानते हैं. वो इंटरनेट से जुड़े हैं. उनको पता है दुनिया में क्या हो रहा है. वो नौकरी ढूंढ रहे हैं. नौकरी के मौके नहीं हैं. मोदी जी नौकरियों के बारे में बात नहीं करते हैं. वो किसानों की बात नहीं करते हैं. वो NRC की बात करते हैं. CAB, 370 की बात करते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)