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लॉकडाउन में फंसे छात्र: एग्जाम की तैयारी करें या भूख से लड़ें?

पटना में बैंकिंग, रेलवे, मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षाओं की तैयारी के लिए बिहार के अलग-अलग जिले से बच्चे आते हैं.

शादाब मोइज़ी
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पढ़ाई और भूख दोनों की टेंशन
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पढ़ाई और भूख दोनों की टेंशन
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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"हमारे पास अब खाने का सामान भी खत्म हो रहा है, सिर्फ 500 रुपए बचे हैं, बाहर जाते हैं तो पुलिस पीटती है. पटना में रहकर SSC की तैयारी कर रहे हैं. अचानक हुए लॉकडाउन की वजह से यहीं फंस गए."

पटना के बाजार समीति इलाके में किराए के कमरे में रहकर SSC और दूसरी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे कई छात्र फंसे हुए हैं.

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क्विंट से बात करते हुए BPSC की तैयारी कर रहे रवि बताते हैं,

“छपरा के रहने वाले हैं, पटना में रहकर तैयारी कर रहे हैं, पिता किसान हैं, बहुत मुश्किल से पटना भेजकर तैयारी करा रहे हैं. इसलिए हम खुद ट्यूशन पढ़ाकर अपना खर्च निकालते हैं, लेकिन फिलहाल वो सब भी बंद हो गया. एक दूसरे से कर्ज लेकर काम चल रहा है. लॉकडाउन का अगर पता होता तो पहले ही घर चले जाते, ताकि रूम का रेंट तो नहीं देना होता.”

"पिता किसान हैं, हर महीने सैलरी नहीं आती है जो सुकून से रह लें"

रवि की तरह शुभम के पिता भी किसान हैं, शुभम बताते हैं कि बंदी की वजह से घर वाले पैसे भी नहीं भेज सकते हैं. "कोरोना ऐसी महामारी है जो एक दूसरे से फैलती है, ऐसे में घर वाले बाहर भी नहीं जा सकते. पिता को सरकारी नौकरी नहीं है जो महीने की सैलरी आ जाएगी. जब तक बाहर नहीं जाएंगे, लोगों से नहीं मिलेंगे पैसे कहां से आएंगे. खाना नहीं होगा तो पढ़ेंगे कैसे? कम से कम सरकार खाने का ही इंतजाम कर देती."

भूख और एग्जाम दोनों से जंग

मुजफ्फरपुर के रहने वाले सचिन बताते हैं कि उनका घर 100 किलोमीटर दूर है, लेकिन सवारी नहीं है इसलिए घर नहीं जा सकते,

“हमारी लड़ाई दो तरह की है. एक तो एग्जाम की तैयारी दूसरी भूख से लड़ाई. मेस से खाना आ नहीं सकता है. बाहर जा नहीं सकते हैं. पहले SSC के एग्जाम में धांधली होती थी, वो ठीक हुआ तो लॉकडाउन.”

बता दें कि पटना में बैंकिंग, रेलवे, मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षाओं की तैयारी के लिए बिहार के अलग-अलग जिले से बच्चे आते हैं. ये लोग हॉस्टल, पीजी, लॉज और किराए का रूम लेकर रहते हैं. लेकिन लॉकडाउन में कई छात्र घर नहीं जा सके.

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