Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019डैरेन सैमी का दर्द: हर भारतीय को समझना और संभलना चाहिए

डैरेन सैमी का दर्द: हर भारतीय को समझना और संभलना चाहिए

सैमी को उनके टीममेट्स ने कालू कहा था. और ये ईशांत शर्मा के 2014 के इंस्टाग्राम पोस्ट से साबित भी होता है.

मेंड्रा दोरजी & वैभव पलनीटकर
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(फोटो: Altered by Quint Hindi)
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डैरेन ने अपने IPL टीम मैंबर्स को कहा कि मैंने सोचा कि तुम लोग मेरे भाई हो. लेकिन जब मुझे पता चला है कि तुम लोगों ने मुझे जो नाम दिया था उसमें तारीफ करने वाला कोई भाव नहीं था. वो एक नस्लीय शब्द था. मैं इसका इस्तेमाल करने वाला हूं जिससे आप लोग समझ पाएं कि वो शब्द क्या है और उसके बाद चेंज ला सकें. सैमी को उनके टीममेट्स ने कालू कहा था. और ये ईशांत शर्मा के 2014 के इंस्टाग्राम पोस्ट से साबित भी होता है.

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टी 20 वर्ल्डकप जीतने वाले इस वेस्टइंडीज कप्तान ने ये बात वीडियो पर कही है कि उन्होंने अपने टीममेट्स पर कभी शक नहीं किया. वो भी तब जब इस शब्द के बोले जाने पर आस पास खिलाड़ी हंसा करते थे. कई भारतीयों ने याद दिलाया कि सैमी ने खुद लक्ष्मण के बर्थडे ट्वीट में खुद के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने लिखा ‘Oh remember dark kalu’. लेकिन सैमी को लगा कि इसका मतलब घोड़ा होता है.

सैमी ने तो बता दिया कि उनको इस शब्द का क्या मतलब पता था. लेकिन बाकी किसी भी क्रिकेटर ने अब तक सार्वजनिक तौर पर नहीं बताया है  कि जब उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल किया तो इस शब्द का उनके लिए क्या मतलब था.  इस बात के लिए हमें खुद के अंदर झांक के देखना होगा

लेकिन इसके अलावा भी कई ट्वीट आए जिसमें उस शब्द के इस्तेमाल को डिफेंड करने की कोशिश की गई. कुछ लोगों ने कहा कि 'ये शब्द हंसी मजाक में इस्तेमाल किए गए.' 'मेरी मां मुझे कालू बुलाती हैं', 'ये भारत में बहुत कॉमन है यार'. और ये भी कहा गया कि 'कालू' हमेशा नस्लीय शब्द के तौर पर इस्तेमाल नहीं होता. ये भारतीय परिवारों में प्यार से संबोधन में भी इस्तेमाल में आता है. इसके संदर्भ और कहने के लहजे पर निर्भर करता है. हां ये नस्लीय हो सकता है लेकिन हमेशा नहीं.

सैमी इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि ‘अगर ये नस्लीय टिप्पणी हो सकती है तो मुझे नहीं लगता कि इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए’

और अगर इससे भी साफ नहीं होता है तो सैमी का ESPNCricinfo को दिया ऑडियो इंटरव्यू सुनना चाहिए. उन्होंने कहा-

और भी ज्यादा दिल दुखाने वाली बात ये है कि खिलाड़ियों को ये सब स्वीकार करने के लिए कहा जाता है. सैमी ने कहा- ‘मेरे लोग जिन्होंने 400 साल दास प्रथा को झेला है और फिर भी उन्हें ये स्वीकारना पड़ रहा है. ऐसा क्यों है कि सिर्फ एक रंग के लोगों को उत्पीड़न सहना पड़ता है. दूसरी तरफ के लोग क्यों नहीं बदलते और हमें अलग तरह से क्यों नहीं देखते. एक शब्द जो आपके लिए बहुत सामान्य हो गया है उसके खिलाफ लोगों ने पीढ़ियों तक लड़ाई लड़ी है. 
डैरेन सैमी

भारत में भी सिर्फ रंग के आधार पर ही नहीं, हमने जाति, धर्म, बनावट के आधार पर संबोधनों का इस्तेमाल किया है. आपने भी किया है मैंने भी किया है. बचपन में हमने हर किसी को ये करते देखा है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति आपकी आंख खोलने की कोशिश कर रहा है और आपको बदलने के लिए कह रहा है. तो हमें भी कम से कम कोशिश करनी चाहिए.

किसी ने मुझसे कहा कि -'मेरी मां मुझे प्यार से कालू बुलाती हैं'. ऐसा है तो प्लीज अपनी मां से कहें कि वो आपको प्यार से आपका नाम लेकर बुलाएं. सैमी को ये बात मत बताइए कि आपकी मां आपको कालू बुलाती हैं, अपनी मां से कहिए कि -मां ये ठीक नहीं है. क्योंकि इस शब्द से एक शख्स को ठेस पहुंचती है, और बहुत सारे लोगों को पहुंचती है.

और उन क्रिकेटरों को मैं क्या कहूं जो इस मसले पर चुप हैं....खासकर पूर्व टेस्ट क्रिकेटर यजुवेंद्र सिंह जो  इंडियन क्रिकेट एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी हैं...को मैं क्या कहूं जिन्होंने ये कह दिया...

‘’साथी क्रिकेटरों को कोई नाम दे देना आम बात है..इसके लिए बुरा मान जाना और माफी मांगने के लिए कहना, बेवकूफी है. सैमी ने भारत में इतना क्रिकेट खेला है, उसे पता होना चाहिए कि इस तरह की हंसी मजाक ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं जानी चाहिए, इसे तमाशा नहीं बनाना चाहिए.”
यजुवेंद्र सिंह,  पूर्व क्रिकेटर

जी नहीं, सर तमाशा तो ये है जो आप लिख रहे हैं, तमाशा ये है कि आप एक खिलाड़ी को वो कबूल करने को कह रहे हैं जो गलत है.

हमें बेहतर उदाहरण पेश करना चाहिए. कितना अच्छा होता है कि विराट कोहली एक ट्वीट करते. ये सही है कि वो ड्रेसिंग रूम में नहीं थे, उनकी कोई गलती नहीं है. लेकिन भारतीय क्रिकेट का चेहरा होने नाते, वो भारतीय क्रिकेट की तरफ से, भारतीय क्रिकेट फैन्स की तरफ से सैमी से सीधे माफी मांगें, कुछ सही करें. कितना अच्छा होता कि सौरव गांगुली सैमी को फोन कर लें और कहें कि अब किसी के साथ ऐसा दोबारा नहीं होगा..ऐसा करेंगे तो हम वाकई में क्रिकेट के वर्ल्ड लीडर बनेंगे.

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