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कैमरामैन: अभय शर्मा
वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम
प्रिय प्रधानमंत्री, अब आप अपना मन बना ही लीजिए कि आपको क्या करना है क्योंकि बीजेपी रेप पर राजनीति से बाज आती नहीं दिखती भले आप कहते रहें, "रेप, रेप होता है, उस पर राजनीति न करें"
इसके 4 दिन बाद कर्नाटक के अखबारों में एक विज्ञापन आता है, जिसमें वोट मांगे जाते हैं.....रेप के मुद्दे पर
सीधे मुद्दे पर आते हैं, प्रिय प्रधानमंत्री. आप कहते हैं रेप पर राजनीति न हो. एक मिनट, आप 2018 में कहते हैं रेप पर राजनीति न हो लेकिन 2014 से पहले तो आप ये सब कह रहे थे:
तो हम कौन से नरेंद्र मोदी की बात सुनें? 2014 वाले या 2018 वाले? सॉरी, सॉरी...2018 में भी दो वर्जन हैं. एक वर्जन कहता है- राजनीति मत करो
दूसरा वर्जन कहता है
और अब, आपने अपने नेताओं का मुंह बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. उन पर 'गलतियां करने और मीडिया को मसाला देने' का आरोप लगाकर. बहुत अच्छे, लेकिन मेरा एक सवाल है, प्रधानमंत्री जी...आपने उन बीजेपी नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जिन्होंने रेप पीड़ितों को बेइज्जत किया जैसे बलिया के बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह पर जिन्होंने उन्नाव रेप केस पर ये कहा--
बीजेपी ने विधायक सुरेंद्र सिंह के खिलाफ क्या कार्रवाई की? कोई कार्रवाई नहीं. अब सुनिए मध्य प्रदेश से बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का कारनामा. जिन्होंने कहा कि कठुअा में आरोपी रेपिस्ट के समर्थन में होने वाले प्रदर्शन के पीछे पाकिस्तानी एजेंटों का हाथ था. नहीं, प्रधानमंत्री, वो पाकिस्तानी एजेंट नहीं थे. वो वकील और हिंदू एकता मंच के सदस्य थे. जिन पर बीजेपी के मंत्रियों का हाथ था. क्या बीजेपी ने नंदकुमार सिंह चौहान की सबूतों से दूर कॉन्सपिरेसी थ्योरी की निंदा की?क्या बीजेपी ने उनके बेकार के बयान से दूरी बनाने की कोशिश की? नहीं, कुछ नहीं हुआ.
तो, प्रिय प्रधानमंत्री, अगली बार जब आप दुनिया को कहें कि रेप पर राजनीति न करें तो याद रखें...तथ्य आपके साथ नहीं हैं
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