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कंझावला ग्राउंड रिपोर्ट:जिन सड़कों पर कार ने युवती को घसीटा,वहां हमने क्या देखा?

Delhi Horror Case : कई जगह बैरिकेड दिखे लेकिन रास्ता इतना सुनसान कि पूरा सफर डरावना.

शादाब मोइज़ी & धनंजय कुमार
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<div class="paragraphs"><p>Delhi Kanjhawala Ground Report:जिन सड़कों पर कार ने युवती को घसीटा,वहां हमने क्या देखा?</p></div>
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Delhi Kanjhawala Ground Report:जिन सड़कों पर कार ने युवती को घसीटा,वहां हमने क्या देखा?

(फोटो- क्विंट)

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दिल्ली का कंझावला (Delhi Horror case) में 31 दिसंबर की रात एक 20 वर्षीय लड़की को गाड़ी से घसीटने और उसकी मौत के मामले में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की भूमिका से लेकर महिलाओं की सुरक्षा तक कई सवाल हैं, जिनके जवाब तालाशे जा रहे हैं. इन्हीं जवाबों को खोजने क्विंट की टीम भी 2 जनवरी की रात कंझावला (Kanjhawala) पहुंची, और पूरी रात यहीं बिताया. सड़कों पर लगे स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी कैमरे, पुलिस के बैरिकेड्स, चश्मदीद का बयान, घटनास्थल का हाल, क्विंट ने इस रात में जो-जो देखा वो सब इस स्टोरी में...

कंझावला चौराहे पर चारों तरफ लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, पिंक बूथ भी मौजूद, लेकिन...

रात के करीब 1 बजे क्विंट की गाड़ी सबसे पहले कंझावला (Kanjhawala case) चौराहे पर पहुंची. कुछ और चैनलों के पत्रकार इस घटना को कवर करने आए थे. इस व्यस्त चौराहे पर चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं. यहां पुलिस की बैरिकेडिंग भी थी, लेकिन हैरानी की बात है कि ये बैरिकेडिंग घटना वाले दिन भी थी, लेकिन पेट्रोलिंग कर रहे किसी पुलिसवाले का ध्यान उस गाड़ी की तरफ नहीं गया. इसी चौराहे पर महिलाओं के लिए एक पिंक बूथ भी मौजूद है. पूछने पर पता चला कि इस बूथ पर दिन में एक महिला पुलिसकर्मी रहती है लेकिन जब रात में महिलाओं को सुरक्षा की ज्यादा जरूरत होती है तो इस बूथ में कोई नहीं होता.

ये चौराहा एक तरफ नरेला की ओर जाता है, एक कैराला की ओर, इसके एक तरफ घेवरा है और एक तरफ कुतुबगढ़. जब ये हादसा हुआ तो गाड़ी कुतुबगढ़ की तरफ ही जा रही थी.

सड़कों पर ट्रीटलाइट हैं, लेकिन बंद

हम जब कंझावला से सुल्तानपुरी की तरफ बढ़े तो इस 9 किलोमीटर के रास्ते में करीब 6 किलोमीटर ऐसा सफर था जहां एक भी स्ट्रीटलाइट नहीं जल रही थी. कह सकते हैं कि प्रशासन आरोपियों को सजा दिलाने को भले ही तैयार हों, लेकिन इस घटना से सबक लेने को तैयार नहीं है. ये सड़क एकदम सुनसान है लेकिन इसपर लाइटें नहीं है. यानी अगर कोई व्यक्ति देर रात ये सड़क अकेला पार करना चाहे तो उसे पहले अपनी सुरक्षा की चिंता करनी होगी. ऐसा कहा जा रहा है कि अगर इस सड़क पर लाइटें ठीक से काम कर रही होती तो हो सकता था कि समय रहते ही लोगों की नजर इस गाड़ी पर पड़ जाती और उसकी जान बचाई जा सकती थी.

जहां एक्सीडेंट हुआ वो इलाका कैसा है?

लड़की के एक्सीडेंट होने की खबर, सुल्तानपुरी के कृष्णा विहार इलाके में शनिबाजार रोड पर मिली थी. हमने वहां पहुंचकर देखा कि ये कोई पिछड़ा या ग्रामीण इलाका नहीं है. यहां अच्छा-खासा बाजार है. 31 दिसंबर की रात जरूर यहां चहल-पहल रही होगी. ऐसे में एक लड़की एक्सीडेंट के बाद गाड़ी में फंस जाती है और किसी की नजर न पड़े, कोई उन्हें रोके न, ये बात हमें गले से उतरती नहीं दिखी.

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