Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिल्ली: बारिश से चंद सेकेंड में बह गए आशियाने, मुआवजा भी नहीं

दिल्ली: बारिश से चंद सेकेंड में बह गए आशियाने, मुआवजा भी नहीं

अन्ना नगर ITO के पास बसा एक झुग्गी-बस्ती है, जहां करीब 1000 से ज्यादा मकान बने हुए हैं.

शादाब मोइज़ी
वीडियो
Published:
दिल्ली के अन्ना नगर में ताश के पत्ते की तरह ढह गए मकान
i
दिल्ली के अन्ना नगर में ताश के पत्ते की तरह ढह गए मकान
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर- पुनीत भाटिया

19 जुलाई की सुबह दिल्ली के अन्ना नगर इलाके के लोगों के लिए तबाही लेकर आई. कुछ घंटों की बारिश ने नहर के किनारे बसे मकानों को तिनके की तरह पानी में बहा दिया. चंद ही सेकंड में एक के बाद एक करीब दस मकान पानी की चपेट में आ गए.

पुष्पा मायूस होकर बताती हैं, “मैं यहां 30 साल से रह रही हूं, बहुत मेहनत करके मकान बनाया था, सब कुछ खत्म हो गया. अभी जो कपड़ा पहन रखा है उसके सिवाय अब कुछ नहीं बचा. करीब 20 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ है. बस भगवान ने परिवार को बचा दिया.”

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अन्ना नगर ITO के पास बसा एक झुग्गी-बस्ती है, जहां करीब 1000 से ज्यादा मकान बने हुए हैं. बारिश के बाद 10 मकान पूरी तरह से तहस नहस हो गए, लेकिन साथ ही कई मकान ऐसे हैं जिनकी दीवारों में बुरी तरह दरारें पड़ चुकी हैं, जिस वजह लोगों को अपने मकानों को छोड़कर जाना पड़ा है. वहां रह रहे शैलेंद्र बताते हैं, “इतने सालों से हम लोग नाले के पास ही मकान बनाकर रह रहे हैं, इससे ज्यादा बारिश हुई है, लेकिन कभी कुछ नहीं हुआ. अब जो घर पानी में डूबने थे डूब गए, लेकिन हमें डर है कि अगर फिर बारिश हुई तो कम से कम कई मकान फिर ढह जाएंगे. क्योंकि मकानों में दरार पड़ चुके हैं.”

नहर की दूसरी तरफ बन रहा WHO का हेडक्वॉर्टर

अन्ना नगर के रहने वाले विशाल बताते हैं,

इन झुग्गियों के पास नाले की दूसरी साइड WHO का हेडक्वॉर्टर बन रहा है. वहां बेसमेंट के लिए कई फीट गहरा गड्ढा खुदा था, जब बारिश हुई तो पानी उसमें जमा होने लगा. जिस वजह से नहर में पानी ओवरफ्लो होने लगा. पानी के तेज बहाव की वजह से नाले के किनारे बसी झुग्गियों के नीचे की मिट्टी भी कटने लगी. फिर ये हादसा हुआ.

नहीं मिला कोई मुआवजा, सरकारी टेंट का है सहारा

जिन लोगों के मकान ढह गए, फिलहाल वे सभी लोग पास के इलाके में ही सरकार द्वारा लगाए गए टेंट में रह रहे हैं. पुष्पा बताती हैं कि अबतक कई नेता आएं, लेकिन किसी ने मुआवजे की बात नहीं कही. ना ही हमें कोई मदद मिली, सिर्फ ये सरकारी टेंट मिला है सर छिपाने के लिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT