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स्मॉग के चलते पूरा दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में बदल गया है. लोगों के लिए खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है. हर तरफ स्मॉग ही स्मॉग है. इस कारण प्रदूषण की मात्रा भी काफी बढ़ गई है. प्रदूषण PM 2.5 और PM 10 खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.
बताया जा रहा है कि पंजाब और हरियाणा में लगातार फसलों के अवशेष जलाए जाने के कारण ये जहरीला स्मॉग फैला है. स्थानीय लोगों ने भी इस जहरीले स्मॉग पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
दिल्ली में जहरीले स्मॉग को देखते हुए रविवार तक स्कूल-कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को राजधानी के स्कूलों और कॉलेजों को रविवार तक बंद रखने की घोषणा की. सिसोदिया ने ट्वीट किया, "दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर खराब हो गया है. इस स्थिति में, बच्चों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता."
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, 400 और 500 के बीच पीएम2.5 का खतरनाक स्तर 'स्वस्थ्य लोगों को नुकसान पहुंचाता है और रोगियों पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ता है.
स्मॉग की वजह से न सिर्फ मरीजों को, बल्कि स्वस्थ लोगों को भी परेशानी हो सकती है. इसलिए इस दौरान सुबह और शाम को जॉगिंग या बाहर जाकर वॉक करने से बचना चाहिए.
स्मॉग के दौरान धूल के कण और रसायनिक गैसें कोहरे के कारण हवा में ऊपर नहीं उठ पाती और हमारे शरीर में चली जाती हैं.
स्मॉग में अस्थमा के मरीज अपने साथ इन्हेलर जरूर रखें, क्योंकि कोहरे के रूप में जहरीली गैसें हवा में मौजूद रहती हैं.
स्मॉग असल में पानी के कणों और धुंए में मौजूद कार्बन के कणों के मिश्रित होने से बनता है. ये सर्दी के मौसम में ज्यादा होता है, क्योंकि उस समय कोहरे में पानी के कण हवा में होते हैं. कार्बन के कण उनमे मिश्रित हो जाते हैं, जिसकी वजह से विजीबिलिटी और भी कम हो जाती है.
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