Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मथुरा के किसानों ने कहा-परेशान हैं लेकिन मोदी जी के लिए करेंगे वोट

मथुरा के किसानों ने कहा-परेशान हैं लेकिन मोदी जी के लिए करेंगे वोट

किसानों के पास आज दोगुनी समस्याएं हैं, दोगुनी मांगें हैं. 

एंथनी रोजारियो
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लोकसभा चुनाव से पहले क्विंट की चौपाल पहुंची उत्तर प्रदेश के मथुरा में और बात की किसानों से.
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लोकसभा चुनाव से पहले क्विंट की चौपाल पहुंची उत्तर प्रदेश के मथुरा में और बात की किसानों से.
(फोटो: क्विंट हिंदी) 

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
कैमरा: नितिन चोपड़ा

किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? क्या उन्हें फसलों का सही दाम मिलता है? 2019 के लोकसभा चुनाव में वे किसे वोट देंगे? इन सवालों को ध्यान में रखते हुए,क्विंट की चौपाल पहुंची उत्तर प्रदेश के मथुरा में और बात की किसानों से.

फसल बर्बाद होने से लेकर सरकारी तंत्र के बीमा राशि का भुगतान न करने तक, मथुरा में किसानों का कहना है कि उन्हें बुरे हाल में छोड़ दिया गया है. क्षेत्र में किसानों के सामने आने वाली सबसे बड़ी समस्या के बारे में पूछे जाने पर, अरविंद कुमार शर्मा कहते हैं कि उनके गांव के अधिकांश किसानों की धान की फसल कीट के वजह से बर्बाद हो गई. फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक का भी असर नहीं हो पाया.

हमारी सबसे बड़ी परेशानी ये है कि हमारी खेती में नुकसान हो रहा है. धान की खेती में विशेष नुकसान हुआ था. कीट ने सारी बाल को नष्ट कर दिया, सफेद बना दिया. उसमें कुछ भी नहीं था. किसान को सरकार की तरफ से कोई भी राहत नहीं मिली.
अरविंद कुमार शर्मा, किसान
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जब फसलें बर्बाद हुईं, तो मथुरा के किसानों ने सोचा कि उन्हें सरकार से मुआवजा मिलेगा. किसानों का दावा है कि उन्होंने संबंधित विभाग में अपने नाम भी दर्ज कराए थे, लेकिन कोई मुआवजा नहीं मिल सका.

बीमा वालों ने हमारा नंबर ले लिया. वो समय पर आ नहीं पाते, समय पर मिल नहीं पाते. वो किसानों को ऐसे ही टाल देते हैं.
कन्हैया लाल बघेल, किसान

सिर्फ इंश्योरेंस के बावजूद मुआवजा ही नहीं, किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिलता है, क्योंकि सरकार के पास सीधे अपनी उपज बेचने का कोई तरीका नहीं है. केएल डांगर ने आरोप लगाया कि वे बिचौलियों को फसल बेचने के लिए मजबूर हैं, जो इसे सरकार की ओर से तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) से कम कीमत पर खरीदते हैं.

गेहूं का MSP 1,935 रुपये है. बिचौलिए 1400-1600 रुपये में यानी अपनी मनमर्जी से खरीदते हैं. यहां सरकार की तरफ से धान खरीद की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.
केएल डांगर, किसान

लेकिन सभी परेशानियों के बावजूद, अधिकांश किसानों का कहना है कि वे 2019 में बीजेपी को वोट देंगे. इसकी वजह पूछे जाने पर किसान कृष्णकांत मिश्रा कहते हैं कि पीएम मोदी दुनियाभर में मशहूर होनेवाले एकमात्र भारतीय नेता हैं. उन्होंने कहा, “भले ही किसान पीड़ित हों, पीएम मोदी सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश आगे बढ़े.”

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Published: 15 Feb 2019,06:12 PM IST

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