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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम/आशुतोष भारद्वाज
हीरा कटिंग और पॉलिशिंग के सबसे बड़े हब सूरत में कारोबारियों पर मंदी की मार का बहुत बुरा असर हुआ है. 20,000 से ज्यादा कामगारों का काम छूट गया है.
हीरा कामगार जितेंद्र पवासिया ने इन्हीं शब्दों के साथ अपना दर्द बयां किया. उन्होंने काम न होने की वजह से चाय की दुकान खोल ली है. जिससे उनका जीवन चल सके. वो बताते हैं कि हीरे का काम उन्होंने खुद नहीं छोड़ा, उनसे छुड़वाया गया है. मंदी की वजह से मालिक पगार नहीं दे पा रहे थे, जिससे वो बहुत दिक्कत में थे.
वहीं डायमंड यूनिट के मालिक प्रतीक दुडेचा बताते हैं कि पिछले 4 महीनों में मंदी के कारण उनके कारखाने में प्रोडक्शन 30% तक गिर गया है.
इंडस्ट्री में रोजगार को लेकर लोगों में काफी चिंता है. पिछले 2 महीनों में 5 हीरा कामगारों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है.
सूरत के 1.53 लाख करोड़ की डायमंड इंडस्ट्री मंदी के असर के बारे में बात करते हुए जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष दिनेश नवाड़िया बताते हैं-
दिनेश नवाड़िया आगे बताते हैं कि जिस तरह से भारत के बैंकिंग सेक्टर में 2-3 लोगों (नीरव मोदी, मेहुल चोकसी) की गलती के कारण डायमंड ज्वेलरी सेक्टर में फाइनेंस कम कर दिया गया है, इससे डायमंड इंडस्ट्री को झटका लगा है.
अब इन्हें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से ही उम्मीद है.
इन्हें अभी तक सरकार से मदद मिलने का इंतजार हैं. लेकिन तब तक बेरोजगारों की मदद के लिए कुछ व्यापारी सामने आए हैं. वो अपने स्तर और कुछ अन्य लोगों की मदद से बेरोजगार हुए कामगारों की मदद कर रहे हैं.
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