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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
कैमरापर्सन: आकांक्षा कुमार
पासबुक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2017 से कटते पैसों को दिखाते हुए राम चंदर ने कहा, 'ये सरकार किसी काम की नहीं है.' 31 जुलाई, 2018 को उनके अकाउंट से 729 रुपये की आखिरी इंस्टॉलमेंट कटी. राम चंदर का कहना है कि बीजेपी सरकार की फसल बीमा योजना का फायदा उनको बिल्कुल भी नहीं हुआ.
दिल्ली से 114 किलोमीटर दूर हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर के पास हरियाणा के भिवानी जिले में एक ब्लॉक है बहल. बहल के रहने वाले राम चंदर के परिवार में चार सदस्य हैं, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कोई मुआवजा नहीं मिला.
राम चंदर कहते हैं कि 2016 से 2018 तक बीमा का सालाना किस्त भरने के बावजूद फायदा नहीं मिला. आज भी जीवन यापन के लिए राम चंदर का परिवार संघर्ष कर रहा है.
2019 में राम चंदर ने मुआवजे और न्याय के लिए चंडीगढ़ हाईकोर्ट जाने का फैसला किया.
वहीं बहल ब्लॉक से 12 किलोमीटर आगे पड़ता है चाहर कलां गांव. यहां भी किसानों की कहानी वैसी ही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को यहां भी नहीं मिला कोई मुआवजा.
फरवरी 2018 में जब ओले पड़ने से उनकी फसल खराब हो गई, तो उन्हें बैंक से मैसेज जरूर मिला, लेकिन मुआवजे की रकम कभी उनके अकाउंट में नहीं आई.
74 साल के प्यारे लाल के पास 6 एकड़ जमीन है, जिसके हिसाब से वो सालाना 10 हजार का किस्त जमा करते हैं . उसके बाद भी उन्हें कर्ज लेना पड़ा.
यहां चहर कलां गांव में किसानों का कहना है कि उन्हें एक रुपया भी मुआवजा नहीं मिला. चहर गांव के लोग भी फसल बीमा योजना को लेकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या हुआ तेरा वादा?
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