Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हमारा गठबंधन महामिलावट, तो मोदी बताएं NDA क्या है: शरद यादव

हमारा गठबंधन महामिलावट, तो मोदी बताएं NDA क्या है: शरद यादव

क्विंट की खास बातचीत में शरद यादव ने लालू यादव, नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर खुलकर अपनी बात रखी

शादाब मोइज़ी
वीडियो
Published:
शरद यादव से खास बातचीत 
i
शरद यादव से खास बातचीत 
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

अपनी चुनावी यात्रा के दौरान क्विंट बिहार के मधेपुरा पहुंचा, जहां से सीनियर लीडर शरद यादव चुनाव लड़ रहे हैं. इस दौरान शरद यादव ने क्विंट से खास बात की.

मधेपुरा को कभी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का गढ़ कहा जाता था, साथ ही ये जगह शरद यादव का भी चुनावी मैदान रहा है. कई बार चुनाव में शरद यादव और लालू यादव एक-दूसरे के खिलाफ लड़े, लेकिन नीतीश कुमार से नाराजगी ने शरद यादव को जेडीयू से अलग होने का रास्ता दे दिया. शरद यादव अब अपने विरोधी रहे लालू यादव की पार्टी से ही चुनाव लड़ रहे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
इस बार शरद यादव का सामना जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और कभी लालू के करीबी रहे पप्पू यादव से है. पप्पू यादव 2014 में आरजेडी से चुनाव लड़े थे और जीते भी थे. पप्पू यादव के खिलाफ जेडीयू से शरद यादव मैदान में थे.

क्विंट की खास बातचीत में शरद यादव ने लालू यादव, नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर खुलकर अपनी बात रखी.

पीएम मोदी आप लोगों के गठबंधन को महामिलावट बता रहे हैं. क्या कहेंगे आप?

क्या बीजेपी बिना गठबंधन के चुनाव लड़ रही है? जेडीयू, एलजेपी, शिवसेना, एआईएडीएमके के साथ क्या है? प्रधानमंत्री जुमलेबाज हैं. सरकारी संस्थाओं का बुरा हाल है, CBI, ED, IB, CAG सब खतरे में है, लेकिन बात को डाइवर्ट करना ही तो पीएम का काम है. बीजेपी के वादों का क्या हुआ? गंगा सफाई, नौजवानों को नौकरी, किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश का क्या हुआ?

विपक्ष के पास पीएम उम्मीदवार नहीं, इस पर क्या कहेंगे?

कभी भी विपक्ष के पास पहले से पीएम उम्मीदवार नहीं होता. 1977 में मुरारजी देसाई को कौन जानता था. 1989 में यूनाइटेड फ्रंट में वीपी सिंह का नाम नहीं घोषित हुआ था.देवी लाल के नाम पर भी चुनाव के बाद फैसला हुआ. 1996 में एच डी देवगौड़ा का नाम कौन जानता था? चुनाव के बाद दो दिन में प्रधानमंत्री के नाम पर फैसला हो जाएगा.

बिहार में गठबंधन में नाराजगी, नुकसान उठाना पड़ सकता है?

ये लड़ाई बीजेपी के खिलाफ है. कोई भी विपक्षी पार्टी जीतेगी तो वो बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. कांग्रेस केरल में लेफ्ट के साथ चुनाव लड़ रही है. वो जीतेगी तो बीजेपी के साथ थोड़े ही सरकार बनाएगी.

कल तक नीतीश कुमार थे दोस्त अब विरोधी, कैसे करेंगे सामना?

वो जेडीयू नहीं जनता दल था. जो मैंने और देवीलाल जी ने मिलकर बनाया था. उसके कई टुकड़े हो गए. इस बार तो एक आदमी (नीतीश कुमार) पार्टी ही लेकर भाग गया. नीतीश कुमार बीजेपी के साथ नहीं जाते तो देश में ये हालत नहीं होती. 2015 में जनता ने गठबंधन के नाम पर वोट किया था. लेकिन नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जा मिले.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT