Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कश्मीर आने वाले यूरोपीय सांसदों पर लग चुके हैं गंभीर आरोप

कश्मीर आने वाले यूरोपीय सांसदों पर लग चुके हैं गंभीर आरोप

कश्मीर की ‘जमीनी हकीकत’ जानने पहुंचा ‘अनऑफिशियल प्रतिनिधिमंडल’

मेघनाद बोस
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 मोदी सरकार ने यूरोपियन संसद के सदस्यों को कश्मीर में आमंत्रित किया
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मोदी सरकार ने यूरोपियन संसद के सदस्यों को कश्मीर में आमंत्रित किया
(फोटो: इरम गौर / द क्विंट)

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वीडियो एडिटर: वीरू मोहन

मोदी सरकार ने देश की विपक्षी पार्टियों के सांसदों को कश्मीर जाने से रोक दिया लेकिन उसी सरकार ने यूरोपियन संसद के सदस्यों को वहां खुशी-खुशी आमंत्रित किया. विदेशी नेताओं के इस “अनऑफिशियल प्रतिनिधिमंडल” के कश्मीर जाने को लेकर मेरा एक सवाल है.

जो 27 विदेशी सांसद जम्मू-कश्मीर गए उनमें से 22 दक्षिणपंथी हैं. यानी पूरे ग्रुप के 80% से भी ज्यादा.

सिर्फ 3 सेंटर-राइट विचारधारा के हैं और 27 में से सिर्फ 2 सेंटर-लेफ्ट विचारधारा के सांसद हैं. प्रतिनिधिमंडल के कई सदस्य और पार्टियों का ट्रैक रिकॉर्ड हल्का-फुल्का ही है. इनमें फ्रांस के 6 सांसद हैं जो कि मरीन ला पेन की दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी से हैं. नेशनल रैली के सदस्यों में से एक फ्रांसीसी सांसद थीएरी मरियाना ने क्रीमिया में रशियन एनेक्सेशन का समर्थन किया है. उन पर सीरियाई तानाशाह बशर अल असद को मजबूत बनाने का भी आरोप लग चुका है.

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जर्मनी के दोनों सदस्य धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फर डचलैंड से हैं. पोलैंड से सभी 6 सदस्य दक्षिणपंथी लॉ एंड जस्टिस पार्टी से हैं.उनमें से एक पोलिश सासंद रिजर्ड जारनेकी को 2018 में यूरोपियन पार्लियामेंट के वाइस प्रेसिडेंट के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. वजह ये थी कि उन्होंने अपने ही देश के एक सांसद की तुलना ‘नाजी सहयोगी’ से की थी.एक दूसरे पोलिश सांसद बोडैन जोंका ने अक्टूबर 2017 में सोशल मीडिया पर कई असंवेदनशील और यहूदी विरोधी टिप्पणी की थी.

उन्होंने लिखा था, “मुझे आश्चर्य है कि प्रलय के बावजूद, यहूदियों के बीच इतने गर्भपात करवाने वाले लोग क्यों होते हैं.”

इस प्रतिनिधिमंडल में पोलैंड के सभी 6 सदस्य लॉ एंड जस्टिस पार्टी से हैं. इस पार्टी पर सत्ता में रहने के दौरान सरकार के समारोहों में फासीवादी नारे और झंडे दिखाने का आरोप लग चुका है. बेल्जियम से अकेले सदस्य भी राइट विंग पार्टी से हैं. ब्रिटेन से यूरोपियन यूनियन के 5 सांसदों में से 4 राइट विंग ब्रेग्जिट पार्टी से हैं.

इटली के 4 में से 3 राइट विंग लेगा नोर्ड और यूरोपियन पीपल्स पार्टी से हैं.

इन सवालों के जवाब सरकार को देना चाहिए...

  1. अगर मोदी सरकार का इरादा ये भांपना था कि कश्मीर के हालात को दुनिया किस नजर से देख रही है तो अलग-अलग विचारधारा के नेताओं को आने की इजाजत क्यों नहीं दी गई?
  2. क्या राइट विंग विचारधारा विदेशी नेताओं को कश्मीर जाने की अनुमति देने की शर्त है? अगर हां, तो क्‍यों?
  3. इससे पहले अक्टूबर में अमेरिका के एक डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वैन हॉलर को कश्मीर जाने से रोक दिया गया था. 29 अक्टूबर को यूके के लिबरल डेमोक्रेट क्रिस डेविस ने कहा कि उनका इन्विटेशन भी वापस ले लिया गया था. क्यों?
  4. क्या भारत सरकार ने यूके के लिबरल डेमोक्रेट सांसद क्रिस डेविस से इसलिए निमंत्रण वापस ले लिया क्योंकि वो सुरक्षाबलों के बिना स्थानीय लोगों से बात करना चाहते थे?
  5. अगर अन्य देशों के नेताओं को कश्मीर जाने की अनुमति दी जा सकती है, तो देश के विपक्षी दलों के सांसदों को इनकार करना सही कैसे हो सकता है?
  6. और आखिर में, अगर कश्मीर में “सामान्य स्थिति” है, विदेशी नेताओं को क्षेत्र का दौरा करने दिया जा सकता है तो जम्मू और कश्मीर के नेताओं को हिरासत से क्यों नहीं छोड़ा जा रहा?

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Published: 30 Oct 2019,08:04 AM IST

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