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Exclusive: शिवपाल का छलका दर्द-‘भतीजे से मांगी थी सिर्फ 2 सीट’

फिरोजाबाद में बिग ‘फाइट’, चाचा शिवपाल यादव के सामने भतीजा अक्षय यादव

विक्रांत दुबे
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फोटो: क्विंट हिंदी
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फोटो: क्विंट हिंदी

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अपने भाई मुलायम सिंह यादव के साथ मिल कर जिस समाजवादी पार्टी को खड़ा किया था, आज शिवपाल उससे बाहर जा चुके है. लंबे फैमिली और सियासी ड्रामे के बाद शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की स्थापना की. एसपी-बीसपी गठबंधन, प्रियंका गांधी से बातचीत और ऐसे ही कई चुनावी मुद्दों पर क्विंट ने शिवपाल से खास बातचीत की.

शिवपाल फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. दिलचस्प बात ये है कि शिवपाल का सामना उनके भतीजे और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अक्षय यादव से है. अक्षय रामगोपाल यादव के बेटे है.

बीजेपी से हम शुरू से लड़े हैं इसलिए मैं चाहता था कि हमें भी एसपी-बीएसपी गठबंधन में शामिल कर लिया जाए. हमारी कोई बड़ी मांग भी नहीं थी. अगर ये बात करते तो हो सकता था कि हम दो ही सीट पर मान जाते. पहले तो हम सोच रहे थे कि 3, 4 या 5 सीट से बातचीत शुरू करेंगे. लेकिन इन्होंने हमसे कोई बात नहीं की.

शिवपाल का कहना है कि “पूरे प्रदेश की जनता चाहती थी कि हमारा और कांग्रेस का गठबंधन हो जाए. अगर हमारा गठबंधन हो जाता तो बीजेपी का बड़ा नुकसान होता. हमारी प्रियंका जी, सिंधिया जी और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से बात हुई. मैंने केवल उनसे दो सीटें, फिरोजाबाद और इटावा, छोड़ने के लिए बोला था. “

शिवपाल के मुताबिक कांग्रेस के कई बड़े नेता इस गठबंधन के पक्ष में थे. लेकिन जब एसपी ने रायबरेली और अमेठी की धमकी दे दी तो कांग्रेस कहीं न कहीं डर गई.

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राष्ट्रपति के चुनाव में कांग्रेस और एसपी के किसी नेता ने हमसे सपोर्ट नहीं मांगा. एक बार मुख्यमंत्री जी का फोन आया, दो बार रामनाथ कोविंद जी का फोन आया. फिर मैंने सोचा जब कोई हमसे वोट ही नहीं मांग रहा है. हम पर भरोसा नहीं किया जा रहा है. हमें किसी बैठक में नहीं बुलाया जा रहा है तो जिसने मुझे दो बार फोन किया मैं उसे वोट करूं.
शिवपाल सिंह यादव, अध्यक्ष, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के मामले में सफाई देते हुए शिवपाल ने कहा:

मैंने बीजेपी से कोई लाभ लिया नहीं. आज तक मेरी किसी से बात नहीं हुई. और आप पूरा पता लगा लीजिए मेरे पास पैसा भी नहीं है. मेरे पास साधन भी नहीं है. मैंने तब जनता से अपील की. एक वोट, एक नोट. मेरा खर्चा चल जाता है.

अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उनका कहना है कि ये जनता की डिमांड थी. यहां की जनता का अपमान हुआ था. जिन लोगों ने खून पसीना बहाकर अक्षय को जिताया, उन्हीं लोगों का अपमान हुआ. इसलिए यहां से चुनाव लड़ रहा हूं.

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