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अपने भाई मुलायम सिंह यादव के साथ मिल कर जिस समाजवादी पार्टी को खड़ा किया था, आज शिवपाल उससे बाहर जा चुके है. लंबे फैमिली और सियासी ड्रामे के बाद शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की स्थापना की. एसपी-बीसपी गठबंधन, प्रियंका गांधी से बातचीत और ऐसे ही कई चुनावी मुद्दों पर क्विंट ने शिवपाल से खास बातचीत की.
शिवपाल फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. दिलचस्प बात ये है कि शिवपाल का सामना उनके भतीजे और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अक्षय यादव से है. अक्षय रामगोपाल यादव के बेटे है.
शिवपाल का कहना है कि “पूरे प्रदेश की जनता चाहती थी कि हमारा और कांग्रेस का गठबंधन हो जाए. अगर हमारा गठबंधन हो जाता तो बीजेपी का बड़ा नुकसान होता. हमारी प्रियंका जी, सिंधिया जी और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से बात हुई. मैंने केवल उनसे दो सीटें, फिरोजाबाद और इटावा, छोड़ने के लिए बोला था. “
शिवपाल के मुताबिक कांग्रेस के कई बड़े नेता इस गठबंधन के पक्ष में थे. लेकिन जब एसपी ने रायबरेली और अमेठी की धमकी दे दी तो कांग्रेस कहीं न कहीं डर गई.
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के मामले में सफाई देते हुए शिवपाल ने कहा:
अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव लड़ने पर उनका कहना है कि ये जनता की डिमांड थी. यहां की जनता का अपमान हुआ था. जिन लोगों ने खून पसीना बहाकर अक्षय को जिताया, उन्हीं लोगों का अपमान हुआ. इसलिए यहां से चुनाव लड़ रहा हूं.
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