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वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
कैमरा: अभिषेक रंजन
स्क्रिप्ट: इशाद्रिता लाहिड़ी
क्या आप दुर्गा पूजा से जुड़े, उन सभी ‘सामाजिक और राजनीतिक शिष्टाचारों’ से रुबरु हैं, जिन्हें आपको इस पूजा में फॉलो करना है?
क्या आपने अपनी लिस्ट को अपडेट किया है?
अब आप सोच रहे होंगे पूजा का क्या शिष्टाचार? अगर आप नहीं जानते तो फिक्र मत कीजिए. यहां है उन सभी चीजों की लिस्ट है जिन्हें आपको इस पूजा में फॉलो करना है ताकि आप ‘बवाल-फ्री’ दूर्गा पूजा मना सकें.
‘ऊलूक ध्वनि’ के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. मान्यता है कि ये बुरी आत्माओं से रक्षा करता है. इसलिए भक्ति के साथ इसे करें.
बुरी आत्माओं का तो नहीं पता, लेकिन बैकलेस ब्लाउज की चुगली कर रहीं आंटी से लड़कियां पीछा छुड़ा सकती हैं!
डियर रोड साइड रोमियो!
अगर तुम्हें ये लगता है कि हाई हिल पहनकर लड़कियां 10 किलोमीटर तुम्हारे लिए चल रही हैं तो तुम गलत हो. अगर भीड़भाड़ वाले पंडाल में पीछा किया, छेड़ा या छूने की कोशिश की तो ये हिल तुम्हारे मुंह पर भी पड़ सकता है.
देखिए...NRC के बारे में जिक्र ना करें और गलती से अपने ‘कम्युनिस्ट’ काकू और ‘मोदी भक्त’ अंकल को अष्टमी की आफ्टर पार्टी मे निमंत्रण ना दें क्योंकि अगर उनके बीच बवाल खड़ा हुआ तो दशहरा के रावण दहन से पहले वो खत्म नहीं हो पाएगा.
नहीं..आप हर बार खाने के बाद संध्या आंटी से ये नहीं मांग सकते. उनका भी तो बजट है, यार! याद रहे जेलुसिल ना रखना एक सामाजिक कुरीति है!
अगर कोई आपसे हिंदी में महाल्या सुनने की जिद करे तो उन्हें साफ शब्दों मे बताएं कि आप सिर्फ बीरेंद्र कृष्ण भद्र का महाल्या सुनना पंसद करते हैं. हिंदी वर्जन से काम नहीं चलेगा.
अब जब पूजा शुरू हो गई है ‘बिजया’ भी आएगा. यानी कालिपोंग वाले काकू को फोन, पुरुलिया में पिशी, मालदा में मासी और वो जाधवपुर वाले चिड़चिड़े जेठा को फोन करना पड़ेगा. तो तैयार रहें “आप कैसे हैं?” से आगे बढ़ने की क्योंकि वो सब तो ‘भालो’ ही होंगे.
शुभो नवरात्रि!
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