advertisement
होस्ट: आदित्य कौशल
कैमरा: अभय शर्मा, अभिषेक रंजन
वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
रमजान के इस पाक महीने में रोजा खोलने के लिए नाहरी से अच्छा क्या हो सकता है और ये स्वाद तब और बढ़ जाता है जब ये परोसी जाती है खमीर की रोटी के साथ. आ गया न आपके मुह में भी पानी?
जाकिर नगर की तंग गलियों में छोटी लेकिन बड़ी फेमस दुकान है 'जावेद की फेमस नाहरी' इस लजीज खाने का सीक्रेट जानने पहुंचे आदित्य कौशल उर्फ आरजे एडी.
पिछले 25 सालों से यहां बेहतरीन और स्वादिष्ट नाहरी मिल रही है. फिलहाल इस जगह को मेहताब और उनके दो भाई वजीर और जावेद चला रहे हैं. ये दुकान शाम को 6 बजे इफ्तारी के लिए खुलती है जो सारी रात अपने कस्टमर के लिए खुली होती है, और सुबह सेहरी के वक्त बंद हो जाती है.
कई लोग रमजान में सुबह-सुबह सूरज उगने से पहले यहां खाना खाने आते हैं. हर रोज लगभग 50 किलो का मटन यहां पकाया जाता है, जो सिर्फ 2 से 3 घंटों में ही खत्म हो जाता है.
50 किलो मटन पकाना आसन काम नहीं, लेकिन आरजे एडी ने ये चैंलेज लिया है.
मेहताब भाई की किचन में खाना पकाने के बर्तन किसी इंडस्ट्री में बनने वाली चीजों से कम नहीं है. उन्होंने हमसे अपनी रेसिपी सिर्फ इस शर्त साझा की, कि वो हम सिर्फ अपने तक रखें.
इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से साल का 9वां महीना रमजान का होता है. पूरी दुनिया के मुस्लिम इस वक्त 28 से 30 तक रोजा रखते हैं,जो सूरज निकलने से पहले से लेकर सूरज डूबने के बाद तक चलता है. ये माना जाता है कि रमजान के महीने में ही कुरान पाक प्रकट हुई थी.
रमजान के पाक महीने में इस बार दिल्ली के पास है लाजवाब स्वाद वाली नाहरी.
ये भी पढ़ें-
रमजान में सेहरी के लिए वक्त पर जगाने वाले ‘सेहरखान’ की दास्तां
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)