Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Feature Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उर्दूनामा: नए साल के स्वागत में समझिए इब्तिदा-इंतेहा के मायने

उर्दूनामा: नए साल के स्वागत में समझिए इब्तिदा-इंतेहा के मायने

इस साल कि ‘इब्तिदा’ कितने जोर-शोर से हुई और अब इन्तेहा होने वाली है

फबेहा सय्यद
फीचर
Published:
इस साल कि ‘इब्तिदा’ कितने जोर-शोर से हुई और अब इन्तेहा होने वाली है
i
इस साल कि ‘इब्तिदा’ कितने जोर-शोर से हुई और अब इन्तेहा होने वाली है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

कैमरा: मुकुल भंडारी

वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

नया साल आने वाला है. इस साल कि 'इब्तिदा' कितने जोर-शोर से हुई और अब इन्तेहा होने वाली है. इब्तिदा यानी कि शुरुआत और इन्तेहा यानी किसी चीज का एक स्तर पर जाकर खत्म होना. अब शुरुआत किसी रिलेशनशिप की हो, या किसी काम की हो, हर इब्तिदा एक कोशिश होती है, एक तरह का जद्दोजहद होता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मिसाल के तौर पर अगर आप लेखक बनना चाहते हैं तो ब्लॉग लिखने की इब्तिदा करते हैं. अगर आपको गुस्सा बड़ा आता है तो एंगर मैनेजमेंट की इब्तिदा करें.

अब जैसे मीर-तकी-मीर का एक शेर है कि ‘इब्तेदा ए इश्क है रोता है क्या’.

‘इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या

आगे-आगे देखिये होता है क्या’

असल में ये शेर था-

‘राह-ए-दौर-ए-इश्क में रोता है क्या

आगे आगे देखिये होता है क्या’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT