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वीडियो ए़़डिटर: कुणाल मेहरा
कैमरा: मुकुल भंडारी
उर्दू में क़ातिल शब्द महबूब के लिए भी इस्तेमाल होता आया है. उर्दू में शायर मोहब्बत की बात एक हादसा के तौर पर भी करता है और हादसा भी ऐसा, जिसमें मोहब्बत इंसान को बिल्कुल बर्बाद कर दे. फाकीरा बतूल की एक नज्म का शीर्षक ही यही है- ‘मोहब्बत हादसा है’
मोहब्बत हादसा है
हादसे से बच निकलने की
कोई तदबीर कर लो
इससे पहले ख्वाब हो जाओ
जिसे हम हादसा कहते हैं
जीवन को घडी भर में
मिटा कर ख़ाक करता है
कोई इलज़ाम धरता है
कभी माज़ूरीयों के जाल में
क़ैदी बना कर छोड़ देता है
ये बंधन तोड़ देता है
मोहब्बत हादसा है
हादसे से बच निकलने की कोई तदबीर कर लो
इससे पहले ख़ाक हो जा
इसका मतलब ये हुआ की मोहब्बत एक ऐसा हादसा है जो एक ही पल में जिंदगी तबाह कर देता है. और इससे पहले की तुम ख्वाब हो जाओ, तुम इसका हल निकाल लो.
लेकिन जब क़त्ल शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक हालात के लिए किया गया तो यही शब्द इंकलाब की आवाज बन गया.
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
सरफरोशी का मतलब है विद्रोही. विद्रोही भी इस तरह का जो जान की बाजी लगाने को तैयार हो. अब देखना ये है कि सामने वाले में कितनी ताकत है.
लेकिन साहिर लुधियानवी का शेर भी हमें हमेशा याद रखना चाहिए.
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है
खून फिर खून है टपकेगा तो जम जायगा
मतबल कातिल कितना भी ताकतवर क्यों ना हो, लेकिन उसको खबर नहीं कि लहू बोलता भी है.
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