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एमेजाॅन प्राइम की लेटेस्ट सीरीज 'Four More Shots Please' की लड़कियों के बीच काफी चर्चा है. मुंबई जैसे बड़े शहरों में लड़कियों की परेशानियों को दिखाती 10 एपिसोड की इस सीरीज को 'वीरे दी वेडिंग' का दूसरा वर्जन भी कहा जा रहा है.
इस सीरीज में एक जर्नलिस्ट है, जो अपनी वेबसाइट चलाने की मशक्कत कर रही है, एक सिंगल मॉम है, जो जिंदगी में मूव ऑन नहीं कर पा रही है. एक गुजराती लड़की है, जिसकी मां उसे उसके वजन के लिए बार-बार टोकती है और एक बाईसेक्सुअल लड़की है, जो अपने परिवार से भागकर मुंबई आई है.
इस सीरीज को विमेन सेंट्रिक बताया जा रहा है. मेट्रो सिटी में लड़कियों की इन परेशानियों से छोटे शहरों की लड़कियां कितना जोड़ पाती हैं? क्या इनकी जिंदगी में भी वही परेशानियां हैं? क्या छोटे शहर भी सेक्स, बार, शॉट्स और वीमेन फ्रीडम को लेकर उतना ही खुला है?
इंदौर की रहने वाली मान्या को लगता है कि शो महिलाओं से जुड़े कई मिथ तोड़ता है क्योंकि समाज में महिलाओं को लेकर ये धारणा बनी है कि उन्हें शराब से दूर रहना चाहिए. ये शो करियर को लेकर लड़कियों का एंबीशन दिखा रहा है, जो कि अच्छा है.
'लड़कियों की आजादी' पर बने इस शो को काफी आलोचना का भी शिकार होना पड़ा. क्या इन लड़कियों को लगता है कि सीरीज पर विवाद ठीक है?’
दिल्ली की लावण्या भारद्वाज का कहना है, “ये एपिसोड अगर लड़कों पर बनता और लड़कियों की जगह लड़के होते, तो इतना ज्यादा हंगामा नहीं होता”
सिंगल माॅम का कैरेक्टर प्ले करने वाली अंजना को लेकर अपराजिता कहती हैं:
लावण्या कहती हैं कि शो को नेगेटिव नहीं, पॉजिटिव तरह से देखना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमें ये शो निगेटिव न लेकर पाॅजिटीव तरीके से देखना चाहिए. इसमें आगे बढ़ने को लेकर काफी चीजें दिखाई गई हैं. ड्रिंक करना, सेक्स करना, लड़कों के साथ घूमना-फिरना लोग गलत मानते हैं. मैं उनकी बात को नजरअंदाज न भी करूं तो भी इस शो में दिखाया गया है कि लड़कियों को आजादी मिल रही है उसकी सोच को बढ़ावा दिया गया है और वो अपनी जिंदग, अपने तरीके से जी सकती हैं.”
देहरादून की ऐश्वर्या वर्मा ने कहा, “उन 4 शाॅट्स से ज्यादा बहुत कुछ चाहते हैं, लेकिन ये शो 4 मेन शाॅट्स को कवर करता है. सेक्सुएलिटी, खुलापन, आत्मनिर्भर और दामिनी का कैरेक्टर पावरफुल है. शो में इंडिपेंडेंट होना सबसे मेन शाॅट है, जो इंडिया में हर लड़की को चाहिए.”
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