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कांग्रेस (Congress) के मुखर प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) हमेशा टीवी बहसों में बीजेपी पर आक्रामक रहे हैं, भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते दिखते थे. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से 5 ट्रिलियन डॉलर में जीरो की संख्या पर सवाल पूछने के बाद प्रसिद्ध हुए गौरव वल्लभ अब बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए हैं.
क्विंट हिंदी से खास बातचीत में उन्होंने चुनावी बॉन्ड, राम मंदिर, जीएसटी, सावरकर, बेरोजगारी जैसे तमाम बड़े मुद्दों पर क्या कहा है, आइए देखते हैं.
गौरव वल्लभ को बीजेपी में कौन लेकर आया?
गौरव वल्लभ: मुझे बीजेपी में मेरे सिद्धांत लेकर आए हैं. मैं हमेशा से वही बातें कर रहा हूं, जो आज बोल रहा हूं. लेकिन कांग्रेस बदल गई. मेरे लिए आज भी अरविंद केजरीवाल कलयुग के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं लेकिन कांग्रेस उनके साथ चली गई. मैंने हमेशा कहा कि जो सनातन को गाली दे रहा है उसको लेकर चुप्पी तोड़िए लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में ना जाना गलती थी.
राम मंदिर पर नाराज थे तो प्राण प्रतिष्ठा के समय कांग्रेस क्यों नहीं छोड़ी?
गौरव वल्लभ: क्या मैं अचानक से इस्तीफा देकर निकल जाता? अगर आप किसी के साथ काम करते हो तो पहले तो आप उन्हीं को समझाने का प्रयास करेंगे न. मैंने चार महीने सबके घर जा-जा कर हाथ जोड़ कर उनसे कहा कि साहब ये मत करिए.
कांग्रेस से आपने लोकसभा का टिकट मांगा?
गौरव वल्लभ: मैं गंगाजल हाथ में लेकर कह सकता हूं कि मैंने कोई लोक सभा का टिकट नहीं मांगा. विधानसभा का टिकट भी मुझे आगे हो कर मिला है. मैं चाह रहा था टिकट वितरण सारा हो जाए उसके बाद मैं अपनी बात रखूंगा. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में हुई तब भी मैंने कोशिश की.
क्या गौरव वल्लभ के बीजेपी में शामिल होने के बाद बेरोजगारी खत्म हो गई है?
गौरव वल्लभ: बेरोजगारी को लेकर जब पहले मैं बात करता था तो बताता था कि कुछ जरूरी काम कर रोजगार बढ़ाया जा सकता है. सरकार की पीएलआई अच्छी स्कीम है. लेकिन कांग्रेस ने सुबह से शाम तक सरकार को गाली ही दी. मैंने कभी नहीं दी.
संबित पात्रा के लिए चुनाव में प्रचार करेंगे?
गौरव वल्लभ: अगर पार्टी कहेगी और बुलाएंगे तो जरूर सरकार की नीतियों का प्रचार करने जाएंगे.
सावरकर को लेकर क्या कहेंगे?
गौरव वल्लभ: सावरकर के योगदान को इतिहास लिखने वालों ने गलत तरीके से पेश किया. सावरकर के योगदान को इतिहासकारों ने कम करके दिखाया. उन्होंने ऐसा क्यों किया ये मैं नहीं जानता. मैंने कभी सावरकर को गाली नहीं दी है. कांग्रेस सावरकर जी के लिए अपशब्द इस्तेमाल करती है. मेरा उनके खिलाफ कोई बयान नहीं है.
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