advertisement
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए राम मंदिर ट्रस्ट दिल्ली ने चंदा इकट्ठा करने के लिए 1 से 27 फरवरी तक अभियान चलाया. इस अभियान के तहत नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़ा हर ग्रुप एक दिन में 100-150 घरों में जाता रहा. जब ये ग्रुप लोगों के घर पहुंचता था तो लोग तिलक लगाकर और पानी देकर उनका स्वागत करते, बदले में ग्रुप के सदस्य उन्हें अयोध्या में हो रहे मंदिर निर्माण के बारे में जानकारी देते और चंदा इकट्ठा करते थे. इस रिपोर्ट के जरिए आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में जो अयोध्या राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने का अभियान चल रहा है उसकी जमीनी हकीकत क्या है.
17 साल के राघव आरएसएस में कार्यकर्ता हैं. राघव भी चंदा इकट्ठा करने वाली ऐसी ही एक टोली का हिस्सा हैं. राघव बीए फर्स्ट ईयर में पढ़ाई करते हैं. सुबह-शाम वो चंदा इकट्ठा करने जाते हैं और दिन में अपनी पढ़ाई करते हैं. घर-घर जाकर वो अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के बारे में जानकारी देते हैं. ये ही लोग कूपन देकर और चेक के जरिए अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करते हैं.
क्विंट ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों से भी बात करने की कोशिश की. ताकि हमें पता चले कि इस अभियान को लेकर वो क्या सोचते हैं? और क्या इससे इलाके पर क्या असर हुआ है? हमने घंटों तक कई कोशिश की, लेकिन पहले कोई बात करने को तैयार ही नहीं हुआ. आखिरकार हमें रिजवान, रफीक और मोहम्मद इलियास मिले, जो हमसे बात करने को तैयार हुए.
विश्व हिंदू परिषद के विनोद बंसल का कहना है कि 'हिंसा, हिंदू समाज की प्रकृति और संस्कृति नहीं है.'
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली जैसे संवेदनशील इलाकों में चंदा इकट्ठा करने को लेकर सवाल पूछे जाने पर बंसल कहते हैं कि '60-70 साल में ये बड़ी अजीब सी बात हुई है कि देश में जहां मुसलमान रहते हैं उसे संवेदनशील इलाका माना जाता है. वहां से हिंदू नहीं जा सकता. लेकिन जहां बहुतायत में हिंदू रहता है वहां से कोई भी आराम से आ जा सकता है.'
12 साल के तरुण बताते हैं कि 'हमें पता चला कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. जैसे ही हमें पता चला कि हम भी अपना योगदान दे सकते हैं. तो हम तुरंत यहां आ गए. हम सुबह 6.30 बजे आ गए थे.'
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)