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वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
कैमरा: मुकुल भंडारी
31 मार्च 2020 तक आपको अपने टैक्स से जुड़े सारे इन्वेस्टमेंट्स को ठीक करना है, रिचेक करना है, टैक्स आउट गो कम करने के लिए इनकम टैक्स में मिलने वाली सारे छूट को 100% क्लेम करना है. लेकिन इस टैक्स बचाने के जोश में किसी डेड प्रोडक्ट में आप निवेश न कर बैठें या कोई एसी गलती ना कर दें जिसपर नोटिस मिलने का जोखिम उठाना पड़े इसलिए सावधान रहना भी जरूरी है.
क्विंट हिंदी की स्पेशल सीरीज ‘पैसा है तो संभव है’ के आठवें एपिसोड में जानिए कैसे-कैसे आप कैसे बचा सकते हैं इनकम टैक्स?
ये है इनकम टैक्स बचाने वाला सबसे पॉपुलर डिडक्शन. आप इन्वेस्टमेंट्स कीजिए और 1.50 लाख रुपये की सीधी बचत कीजिए.
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, PPF अकाउंट, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट यानी NSC, Ulip, होमलोन का प्रिंसिपल, सुकन्या समृद्धि स्कीम, बच्चों के स्कूल की ट्यूशन फीस जैसे पेमेंट पर छूट पा सकते हैं. इसके अलावा इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम के निवेश को भी इसी में शामिल किया जा सकता है. यानी लिस्ट काफी लंबी है लेकिन लास्ट मिनट में अगर आपको लग रहा है कि अरे! मैंने तो कोई इन्वेस्टमेंट किया ही नहीं है और जल्दबाजी में आप इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने लगें या PPF अकाउंट खोलने लगें तो उससे पहलेअपने EPF अमाउंट को चेक जरूर कर लिजिएगा.
80 C में ही आपका EPF में जमा हो रहा पैसा भी जुड़ता है. यानी अगर हर महीने आपका एम्पलॉयर आपकी सैलरी के बेसिक का 12 % बतौर EPF डिडक्ट कर रहा है तो इसे आप 80 C के डिडक्शन में जोडे़ंगे जैसे कि अगर आपकी सैलरी है 40,000 रुपये तो मंथली आपका 4, 800 PF जाता है यानी साल में 57,600 रुपये. तो जब फाइनल 80 C के इन्वेस्टमेंट चेक करें तो इस 57,600 रुपये को 1.50 लाख रुपये से घटाना न भूलें. इस केस में अब 92,400 रुपये तक ही निवेश करना होगा.
इएलएसएस(ELSS- Equity Linked Saving Scheme).
80 C के निवेश की लिस्ट में इतने सारे विकल्प हैं कि ELSS पर शायद आपकी नजर न जाए. ये आपको डबल फायदा दिलाएगा. ये निवेश टैक्स सेवर तो है ही साथ ही ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स जिनके निवेश पर आप 80 C में छूट पाते हैं जैसे कि PPF, NSC और NPS के मुकाबले बेहतर रिटर्न भी देता है.
ये सेक्शन आपको 80 C के 1.5 लाख रुपये की छूट के अलावा अतिरिक्त 50,000 रुपये की छूट दिलाएगी. NPS का अलग से अकाउंट खोलें. उसमें साल में 50,000 डिपॉजिट किजिए और छूट पाइए. ये पैसा आपके रिटायरमेंट का कॉर्पस बनेगा क्योंकि आप इस पैसे को 60 साल की उम्र तक निकाल नहीं सकते. 60 साल के होने पर भी केवल 40% विथड्रॉ किया जा सकता है और 60% सालाना पेमेंट पेंशन के तौर पर होगा.
इंश्योरेंस के प्रीमियम पेमेंट पर आपको 80 C में छूट मिलती है लेकिन 80 D अलग से आपके सेहत के खर्चे का ख्याल रखती है. इसके जरिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट पर छूट क्लेम किया जा सकता है. 25,000 तक के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पेमेंट पर छूट मिलेगी और केवल खुद के लिए ही नहीं बल्किअपने स्पाउस, नाबालिग बच्चे के लिए भी पॉलिसी हो सकती है. सीनियर सिटिजन पेरेंट्स की 50,000 तक की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर भी 80D छूट दिलाएगी.
एजुकेशन लोन के इंट्रेस्ट पर सेक्शन 80 Eआपको दिलाएगी पूरी छूट. इस इंट्रेस्ट की कोई ऊपरी सीमा नहीं होती. फुल इंट्रेस्ट पेमेंट पर आपको छूट मिलेगी. ये लोन खुद के लिए, स्पाउस के लिए या बच्चों की पढ़ाई के लिए लिया जा सकता है और विदेश में पढ़ाई के लिए भी हो सकता है.
होमलोन के प्रिंसिपल पेमेंट पर 80 C में छूट मिलती है तो होमलोन के ब्याज पर सेक्शन 24 आपको छूट दिलाएगा. होमलोन के 2 लाख तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है.
5 लाख तक की इनकम पर आपको मिलेगी फुल टैक्स रिबेट. लेकिन अगर आप 5 लाख की बॉर्डर लाइन को क्रॉस कर रहें हो, वो भी अच्छे खासे मार्जिन से तब भी रिबेट का फायदा उठा पाएंगे और किसी नियम की अनदेखी भी नहीं कर रहे होंगे. अगर इनकम है 7.5 लाख रुपये तो इसमें आप पहले 80 C का सारा निवेश करके, इस राशि को 7.5 लाख रुपये से डिडक्ट करें यानी अब बचे हैं 6 लाख रुपये. अब आप 80 CCD 1B के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS में करें अतिरिक्त 50,000 का निवेश तो इस छूट को लेने के बाद टैक्सेबल इनकम बचती है 5.50 लाख रुपये और आखिर में 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी टैक्सेबल इनकम को ले आएगा 5 लाख पर जिसपर टैक्स छूट मिलेगी.
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