Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भोजपुरी में सुनिए फैज की नज्म ‘हम देखेंगे...’  

भोजपुरी में सुनिए फैज की नज्म ‘हम देखेंगे...’  

भोजपुरी में भी ये नज्म उतना ही दमखम रखती है, जितना कि फैज ने इसे जिस रूप में हमारे सामने रखा है.

कौशिकी कश्यप
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सोशल मीडिया पर फैज की नज्म ‘हम देखेंगे...’ का भोजपुरी अनुवाद भी वायरल हो रहा
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सोशल मीडिया पर फैज की नज्म ‘हम देखेंगे...’ का भोजपुरी अनुवाद भी वायरल हो रहा
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

कैमरापर्सन: शिव कुमार मौर्य

फैज की नज्म ‘हम देखेंगे’ पर विवाद हो रहा है. इसे कम्युनल बताया गया, लेकिन ऐसा है नहीं. इसलिए इस नज्म को हर तरफ से सपोर्ट मिल रहा है. सोशल मीडिया पर भोजपुरी अनुवाद भी वायरल हो रहा और भोजपुरी में भी ये नज्म उतना ही दमखम रखती है, जितना कि फैज ने इसे जिस रूप में हमारे सामने रखा है.

भोजपुरी मुख्य तौर पर देश के पूर्वांचल इलाकों- बिहार, यूपी में बोली जाती है.

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इस नज्म के लिखित भोजपुरी वर्जन को ट्विटर पर खूब प्रतिक्रियाएं मिली हैं.

दिगम्बर ने इसका अनुवाद कर फेसबुक पर शेयर किया है. देखिए उनका फेसबुक पोस्ट:

क्या है फैज अहमद फैज की इस नज्म में?

फैज अहमद फैज ने ये नज्म 1979 में पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक के संदर्भ में लिखी थी. फैज पाकिस्तान में सैन्य शासन के विरोध में थे. फैज अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण जाने जाते थे और इसी कारण वे कई सालों तक जेल में रहे.

इसकी आखिरी कुछ पंक्तियों में फैज ने लिखा है, “बस नाम रहेगा अल्लाह का, जो गायब भी है हाजिर भी, जो मंजर भी है नाजिर भी और राज करेगी खल्क ए खुदा जो हम भी हैं और तुम भी हो.”


इसकी अंतिम पंक्ति ने IIT कानपुर में विवाद खड़ा कर दिया था.

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Published: 10 Jan 2020,07:14 PM IST

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