Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Yeh Jo India Hai Na:तीन बेटियों ने किया UPSC टॉप, लेकिन 3 को गंवानी पड़ी अपनी जान

Yeh Jo India Hai Na:तीन बेटियों ने किया UPSC टॉप, लेकिन 3 को गंवानी पड़ी अपनी जान

IAS टॉपर ऐसे भारत से हैं जहां अवसर हैं लेकिन कालू देवी और उनकी बहने ऐसे भारत से थीं जहां शिक्षा पाना कड़ा संघर्ष है.

रोहित खन्ना
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<div class="paragraphs"><p>ये जो इंडिया है ना</p></div>
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ये जो इंडिया है ना

फोटो- क्विंट

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ये एक भारत की तस्वीर है...वो भारत जिसमें श्रुति शर्मा, अंकिता अग्रवाल और गामिनी सिंगला.. UPSC की परीक्षा में 1st, 2nd और 3rd आती हैं. हंसते-मुस्कुराते, अखबारों में उनकी तस्वीरें, यूट्यूब पर उनके वीडियो, देश के टॉप सिविल सर्वेंट्स के रूप में एक बेहतरीन करियर उनकी राह देख रहे है.

और ये है एक और भारत.. कालू देवी, ममता और कमलेश मीणा का भारत, तीन बहनें जो जयपुर के पास एक कुएं में मृत पाई गईं. ममता और कमलेश दोनों 8-9 महीने की गर्भवती थीं, वहीं कालू के 4 साल और 22 दिन के दो बेटों के शव भी उस कुएं में पाए गए. उनकी त्रासदी ने भी सुर्खियां बटोरीं, लेकिन सिर्फ हमे उस दूसरे भारत की याद दिलाने के लिए.

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श्रुति, अंकिता और गामिनी एक ऐसे भारत में रहती हैं जहां उनके पास अवसर और विकल्प हैं, उन्होंने बेहतरीन कॉलेजों में हिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की. उनके आस-पास के लोगों ने उन्हें आगे बढ़ने, अपने करियर को बनाने के लिए, लगातार प्रोत्साहित किया ...

लेकिन कालू देवी, ममता और कमलेश मीणा एक ऐसे भारत में रहती थी जहां लड़कियों के लिए शिक्षा पाना कड़ा संघर्ष है, जहां रीति-रिवाज के दबाव में आकर माता-पिता आर्थिक आजादी पाने से पहले, बेटियों को शादी और बच्चे संभालने के लिए मजबूर करते हैं, जहां ससुराल में दुर्व्यवहार और हिंसा आम है...

रिश्तेदारों ने क्विंट को बताया कि तीनों बहनें होशियार थीं, वो अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती थीं. फिर भी, सबसे बड़ी, कालू देवी, जिनकी 2015 में शादी हुई थी, उनका स्कूल छुड़वा दिया गया. ममता को 12वीं में 84% मार्क्स मिले थे. वो हिंदी में एमए कर रही थी, सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थी, लेकिन उनके पति ने उन्हें ये सब छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया.

सबसे छोटी, कमलेश को भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. शारीरिक शोषण भी होता रहा. इस साल, अप्रैल में, कालू देवी को उसके पति और ससुराल वालों के कथित तौर पर पीटे जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिर भी पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. मदद के लिए बार-बार गुहार लगाने के बावजूद, घरेलू हिंसा के बारे में उसके सोशल मीडिया पोस्ट को भी नजरअंदाज किया गया.

ये जो इंडिया है ना... इसे ये तय करने की जरूरत है कि वो अपनी महिलाओं के लिए कौन सा भारत बनाना चाहता है. निकहत जरीन बॉक्सिंग में मैडल जीत रही हैं, कैप्टन अभिलाषा बराक सेना की पहली कॉम्बैट पायलट बनी हैं, युवा भारतीय महिलाएं हर संभव पेशे में ऊंची उड़ान भर रही हैं, क्योंकि सफल होने के लिए उन्हें हर तरफ से समर्थन मिल रहा है. और वहीं, अभी भी, ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी पसंद को, च्वाइस को, नजरअंदाज कर दिया जाता है, खारिज कर दिया जाता है, दबा दिया जाता है.

हमारे देश में कर्नाटक हाई कोर्ट का हिजाब विरोधी आदेश क्यों है, जो इतनी युवा मुस्लिम लड़कियों को उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहा है? हमारे परिवारों में अंतर-धार्मिक और अंतर-जातीय विवाहों पर आपत्ति क्यों है, अपनी बेटियों के जीवन साथी चुनने के अधिकार को हम क्यों नहीं मानते हैं, जिसके कारण अक्सर 'ऑनर किलिंग' होती है?

यहां ऐसा क्यों है कि जहां 3 लड़कियां UPSC को टॉप करती हैं, वहीं 3 बहनें एक कुएं में मृत भी पाई जाती हैं..?

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