राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) से 60 किलोमीटर दूर दूदू कस्बे में शनिवार 28 मई को कुंए में तीन शादीशुदा महिलाओं और दो बच्चों की लाशें तैरती मिली थी. अब इस के पीछे की कहानी ससुराल में पढ़ने की इच्छा रखने पर प्रड़ताड़ना सामने आई है. शादी के बाद भी महिलाओं का पढ़ना जारी रखना उनके पतिओं और ससुराल वालों को नागवार गुजरता था.
तीनों बहनों का 2005 में बाल विवाह हुआ था
सुसाइड करने वाली कमलेश (20) की प्रेग्नेंसी का 9वां महीना चल रहा था. ममता (23) का 8वां महीना चल रहा था. तीनों बहनें 25 मई को घर से लापता हुईं थीं. डॉक्टर ने कमलेश को दो दिन बाद की डिलीवरी डेट दी हुई थी. ऐसे में नवजात कमलेश का माना जा रहा है. तीसरी बहन कालू देवी थी. शनिवार 28 मई को पांच शव मिलने के बाद अगले दिन रविवार को एक नवजात का शव भी इस कुंए में मिला था.
तीनों सगी बहनों के पिता सरदारमल की शिकायत पर पुलिस जांच में ससुराल पर लगे दहेज प्रताड़ना और दहेज हत्या के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर, 28 मई को देर रात में आरोपी नरसिंह पुत्र भंवरलालमीणा (मृतका काली का पति), जगदिश उर्फ गोरुराम पुत्र भंवरलाल मीणा (मृतका ममता का पति), मुकेश मीणा पुत्र भंवरलाल मीणा (मृतका कमलेश का पति), संतोष पत्नि भंवरलाल मीणा (तीनों मृतकों की सास), मीना देवी पत्नि जितेन्द्र मीणा (तीनों मृतकों की जेठानी) को गिरफ्तार कर लिया है.
अब तक इस मामले में सामने आई कहानी के मुताबिक तीनों बहनों का 2005 में बाल विवाह हुआ था. तीनों की शादी एक ही घर में की गयी थी.
कालू देवी 12वीं तक पढ़ी थी. 7 साल पहले जब वह सुसराल आई तो 8वीं तक पढ़े पति नरसिंह ने उनकी पढ़ाई बंद करवा दी. दूदू के सरकारी कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही कमलेश का पति मुकेश भी 8वीं तक पढ़ा है. पढ़ाई छोड़कर मुकेश जेसीबी चलाने लग गया. ममता और कमलेश जब डेढ़ साल पहले ससुराल आई थी.
तब उनके पति कॉलेज की जगह उन्हें खेतों में काम करते हुए देखना चाहते थे. तीनों बहनों की आगे पढ़ने की इच्छा को लेकर उन्हें ताने दिए जाते थे. कई बार तो मामला मारपीट तक पहुंच जाता था.
आत्महत्या से पहले वॉट्सऐप पर अपडेट किए
कमलेश ने आत्महत्या से पहले वॉट्सऐप पर चार स्टेट्स अपडेट किए थे. जिसमें लिखा था- हम पांच के मरने का कारण हमारे ससुराल वाले हैं. हम मरना नहीं चाहते पर इनके शोषण से अच्छी हमारी मौत है. इन सब में हमारे मां-पापा की कोई गलती नहीं थी. दूसर स्टेट्स में लिखा था, हम जा रहे हैं, अब सब खुश रहना चाहते हैं. हमारे मरने का कारण हैं हमारे ससुराल वाले. रोज मरने से अच्छा हम सब मिलकर मर रहे हैं. हे, भगवान अगले जन्म में हम बहनों का एक साथ जन्म देना. मेरे परिवार वालों से निवेदन है कि वे हमारी चिंता न करें.
एसीपी दिनेश शर्मा ने बताया कि दूदू के नरैना रोड पर शनिवार को कुएं में मृत मिली तीनों बहनें पढ़ाई में अव्वल थीं. बचपन में ही उनकी शादी कर दी गई थी. बाल विवाह के बाद भी उन्होंने पढ़ने के सपने को टूटने नहीं दिया.
बड़ी बहन कालू देवी 12वीं क्लास तक पढ़ी, लेकिन बाद में पति के दबाव में पढ़ाई छोड़ दी. वहीं, उसकी दोनों बहनें कमलेश और ममता ने ससुराल आकर भी पढ़ाई को लेकर हार नहीं मानी थी.
(न्यूज इनपुट—पंकज सोनी)
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