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वीडियो एडिटर- अभिषेक शर्मा
IIT में भी पढ़ लिया, UPSC एग्जाम भी निकाल लिया, IG भी बन गए और अब लेखक भी. वो भी एक नहीं दो-दो किताब लिख डाली. और तो और किताब पर फिल्म भी बन रही है जो जल्द ही नेटफ्लिक्स पर दिखेगी. ये सब करने वाले शख्स का नाम है अमित लोढ़ा. 1998 बैच के IPS ऑफिसर और फिलहाल बिहार के गया जिले के आईजी.
अमित कहते हैं,
अपनी नई किताब 'Life in the Uniform Adventure of an IPS officer in Bihar' के बारे में क्विंट से खास बातचीत में अमित बताते हैं कि ये किताब उनके अनुभव पर आधारित है. अमित कहते हैं, “इस किताब में मैंने शुरू से हर बात लिखी है कि कैसे मैंने पहली बार वर्दी पहनी, पहली पोस्टिंग, टफ ट्रेनिंग, सांप्रदायिक दंगे से लेकर किडनैपिंग केस सुलझाया.”
अमित कहते हैं कि ये किताब आम लोगों को IPS ऑफिसर की जिंदगी में झांकने का मौका देगी साथ ही ये किताब सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे लोगों के भी काम आएगी.
IPS अमित लोढ़ा राजस्थान के हैं, लेकिन यूपीएससी क्वालिफाई करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बिहार हुई. अमित लोढ़ा अपनी किताब में बताते हैं कि बहुत से लोगों की तरह उनके मन में भी बिहार को लेकर कई सारी भ्रांति थी लेकिन जब वो बिहार आए, लोगों से मिले, बिहार को जाना तो उनकी सोच बदल गई.
आईपीएस अमित लोढ़ा ने दिल्ली आईआईटी से पढ़ाई की है, उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी की और आईपीएस बने. अमित लोढ़ा बताते हैं,
इससे पहले जब अमित लोढ़ा जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल नॉर्थ के डीआईजी थे तब उन्होंने अपनी पहली किताब ‘बिहार डायरीज’ लिखी थी.
आईपीएस अमित लोढ़ा से क्विंट ने सिर्फ किताब ही नहीं बल्कि यूपीएससी एग्जाम की तैयारी को लेकर भी सवाल किए. उन्होंने कहा, 'सिविल सर्विसेज के लिए खुद पर भरोसा सबसे जरूरी है, अगर आपको अपने आप पर भरोसा है कि आप एग्जाम में कामयाब हो सकते हैं तो आधा काम वहीं हो गया. इसके अलावा व्यवस्थित ढंग से पढ़ाई करनी होगी, क्योंकि यूपीएससी का सिलेबस समंदर की तरह है, इसलिए आपको जानना है कि क्या पढ़ना है और क्या नहीं.”
अमित उन सवालों के पेच को भी सुलझा देते हैं जो अकसर सिविल सर्विसेज को लेकर लोगों के मन में होती है. जब आईपीएस अमित से हमने पूछा कि क्या नौकरी के साथ UPSC की तैयारी हो सकती है? तो उन्होंने कहा, “भारत में लोगों को यही गलतफहमी है कि पढ़ाई घंटे देखकर होती है. अपको समय देखकर नहीं पढ़ना है. स्ट्रेटेजी के साथ पढाई करनी होगी. कामयाबी में कभी-कभी समय लगता है लेकिन हार नहीं मानना है.”
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