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वीडियो एडिटर- विवेक गुप्ता
पिछले कुछ महीनों से जामिया विवादों में रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में नंबर एक पर पहुंचना, इसी को लेकर क्विंट ने जामिया के पूर्व वाइस चांसलर नजीब जंग से बात की.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया शिक्षा मंत्रालय की सेंट्रल यूनिवर्सिटी की रैंकिंग लिस्ट में पहले नंबर पर आई है. जामिया को 90% स्कोर मिला हैं.
आप यहां के वाइस चांसलर रह चुके हैं. इस कामयाबी की वजह क्या है?
100 साल पुरानी यूनिवर्सिटी है जामिया, महात्मा गांधी जैसी शख्सियत ने इसकी नींव रखी, इसके पहले ट्रेजरर सर जमना लाल बजाज थे. राष्ट्रीय आंदोलन में जामिया फ्रंट लाइन में रही. यहां सिर्फ किताबी बातें नहीं बल्कि छात्रों को एक संजीदा इंसान बनाया जाता है. क्वॉलिटी ऑफ एजुकेशन में आगे है.
जामिया विवादों में क्यों?
आमतौर पर जामिया विवादों में नहीं रहा है. लेकिन नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध हुआ तो छात्र आगे आए. जामिया के छात्र सोचने समझने वाले हैं, कोई रोबोट नहीं है. छात्रों को लगा कि ये हिंदुस्तान के एक धर्म विशेष के खिलाफ एक कदम है, इसलिए उन लोगों ने विरोध किया. लेकिन पुलिस ने जामिया में ज्यादती की.
शिक्षा मंत्रालय की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रदर्शन पर की गई ग्रेडिंग/स्कोरिंग में दूसरे नंबर पर 83% स्कोर के साथ अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी आई है, वहीं तीसरे नंबर पर 82% स्कोर के साथ जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी आई है. इसके अलावा पिछले दिनों विवाद में रहने वाली अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 78% स्कोर के साथ चौथे नंबर पर आई है.
रैंकिंग लिस्ट में टॉप 4 में जामिया, जेएनयू, एएमयू, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी हैं, इस पर आपका व्यू क्या है?
सिर्फ नौकरी करने के लिए नहीं पढ़ते यहां के बच्चे, ये बच्चे हिंदुस्तान के बारे में सोचते हैं. जामिया में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं. हिंदुस्तान का दिल है जामिया.
रैकिंग किस तरह से तय होती है, रैकिंग की अहमियत क्या है, इससे यूनिवर्सिटी को क्या फायदा होगा?
जामिया हमेशा से शानदार संस्थान रहा है. हां, इस रैंकिंग से जामिया के बारे में लोगों की धारणा जरूर बदलेगी. जामिया का मास कॉम डिपार्टमेंट देश में टॉप पर है, इंजीनियरिंग में नौकरी के लिए सोचना नहीं पड़ता है, प्लेसमेंट होती है. विभागों, टीचर, रिसर्च, रहने की सुविधा कैसी है, इन चीजों के आधार पर होती है रैंकिंग.
पिछले दिनों इन यूनिवर्सिटीज को लेकर कई विवाद हुए हैं, इन विवादों से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
जामिया को दुनिया के सामने बेहतर तरीके से रखना होगा. हमारी गलती ये है कि हम जामिया अपने आप में ही खुश है. जामिया को अपने बारे में बताना पड़ेगा. जामिया का इस्लामी जिहाद से संबंध नहीं है. जामिया राष्ट्रवादी यूनिवर्सिटी है, जो संविधान के लिए समर्पित है.
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