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दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में मंगलवार शाम जमकर मारपीट और तोड़फोड़ हुई. छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गुंडे भेजकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ मारपीट की. दूसरी ओर प्रशासन का कहना है कि अनुशासनहीनता पर 5 छात्रों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया गया था, लेकिन जवाब देने के बजाए उन्होंने नोटिस की कॉपियों को जलाया और अनुशासन समिति का बहिष्कार भी किया, जहां उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था.
छात्रों का कहना है कि वो लोग 5 छात्रों को मिले 'कारण बताओ नोटिस' के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. तभी प्रशासन की तरफ से भेजे गए गुंडे आए और प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बेल्ट से पीटना शुरू कर दिया. इसके अलावा वे गमले उठाकर भी छात्रों को मारने लगे.
इस पूरे मामले पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रशासन का कहना है कि मंगलवार को यूनिवर्सिटी के इंग्लिश विभाग में महात्मा गांधी पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया था, वहां पर आए लोग जब वापस जा रहे थे तो प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने उनका रास्ता रोक दिया. प्रशासन का कहना है कि छात्रों के कुछ गुटों ने आज कुलपति ऑफिस का घेराव किया. छात्रों ने ऑफिस कॉम्प्लेक्स को घेरने के साथ-साथ सभी एक्जिट गेट को भी बंद कर दिया. इसके बाद सीनियर टीचरों और अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स का रास्ता खोलने की बात कही. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने रास्ते में गमले रख दिए थे. तभी दूसरे ग्रुप के कुछ छात्र आए और उनकी आपस में मारपीट हो गई. प्रशासन का कहना है कि यूनिवर्सिटी के गार्ड्स छात्रों के दो गुटों के बीच हुई मारपीट को रोकने की कोशिश कर रहे थे.
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यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों से कहा गया था कि यूनिवर्सिटी में कानून व्यवस्था को बनाए रखें, साथ ही यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के माहौल को भी बनाए रखें. शिक्षकों ने छात्रों को भरोसा भी दिलाया कि उनकी मांगों को लेकर उच्चस्तरीय समिति के साथ चर्चा की जाएगी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. इसके बाद टीचरों ने छात्रों से अपने प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए भेजने की गुजारिश की. इस पेशकश को भी उन्होंने ठुकरा दिया. प्रशासन ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कॉम्प्लेक्स में पार्क की गई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया.
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