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Karan Sangwan Interview: Unacademy से निकाले जाने वाले टीचर ने बताई पूरी कहानी

क्विंट हिंदी ने Unacademy से निकाले गए शिक्षक Karan Sangwan से बात की और पूरे विवाद को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की.

मोहम्मद साकिब मज़ीद
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Published:
<div class="paragraphs"><p>Karan Sangwan Interview: Unacademy से निकाले जाने वाले टीचर ने बताई पूरी कहानी</p></div>
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Karan Sangwan Interview: Unacademy से निकाले जाने वाले टीचर ने बताई पूरी कहानी

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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Unacademy में पढ़ाने वाले टीचर करण सांगवान (Karan Sangwan) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वो पढ़े-लिखे व्यक्ति को वोट करने की बात कहते नजर आ रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें अन-एकेडमी से निकाल दिया जाता है. Unacademy और कंपनी के फाउंडर के सोशल मीडिया पोस्ट में टीचर को निकाले जाने के पीछे कई दलीलें दी गई हैं. इसमें कहा गया कि हमें करण सांगवान से अलग होने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वो कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन कर रहे थे.

क्विंट हिंदी ने बर्खास्त किए गए शिक्षक करण सांगवान से बात की और पूरे विवाद पर उठ रहे सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की.

सोशल मीडिया पर आपका वीडियो वायरल हो रहा है वह कब का है? वीडियो में आप क्या कहना चाह रहे हैं? पूरा वीडियो किस टॉपिक पर था?

वो वीडियो मेरे यूट्यूब चैनल Legal Pathshala पर था, मैं एक सेशन ले रहा था. जो नए क्रिमिनल बिल्स आए हैं, उसी पर मैं स्टूडेंट्स के साथ डिस्कशन कर रहा था. डिस्कशन खत्म होने के बाद जनरल स्टेटमेंट की तरह टीचर के तौर पर मेरा एक अधिकार और मेरी एक जिम्मेदारी बनती है कि मैं अपने बच्चों को एक सही दिशा दिखाऊं.

"इसी संबंध में मैंने अपने स्टूडेंट्स को बोला कि आप जब भी वोट करें, पढ़े-लिखे व्यक्ति को वोट करें, जिससे आपका आने वाला भविष्य एक सुरक्षित हाथों में रहे."

"एक जनरल स्टेटमेंट थी"

करण सांंगवान ने कहा कि इस वीडियो का इतना ही क्लिप वायरल किया गया. वीडियो को लोगों ने अपने मुताबिक समझा, जैसी उनकी समझ थी. जो-जो उनको समझ आया वैसे वो इस वीडियो को ट्रोल करते गए. ट्विटर पर ट्रेंडिंग में चलाते गए.

किसी ने मुझे गलत समझा, किसी ने मेरे सपोर्ट में बातें की, किसी ने मुझे कहा कि ये पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा चला रहा है, लेकिन मेरा इरादा उस स्टेटमेंट के पीछे इस तरह का नहीं था. न ही वो कोई व्यक्ति विशेष वीडियो थी, ना ही वो वीडियो किसी एक पॉलिटिकल पार्टी के लिए थी.
करण सांगवान, Unacademy से बर्खास्त किए गए टीचर

उन्होंने आगे कहा कि वो एक जनरल स्टेटमेंट थी, जो एक टीचर होने के नाते मैंने अपने...जितने भी बच्चे मुझसे जुड़े हुए हैं, मैं उनको एक सही दिशा दे सकूं...मैंने उस कंटेक्स्ट में वो स्टेटमेंट दी थी. पूरी स्टेटमेंट का किसी क्रिमिनल बिल से कोई लेना-देना नहीं है. वह केवल मेरे स्टूडेंट्स के लिए एक जनरल स्टेटमेंट थी.

आपको कब पता चला कि आपका ये वीडियो वायरल हो रहा है?

13 अगस्त को अन-एकेडमी प्लेटफॉर्म पर ही क्लास ले रहा था, उसी वक्त मेरे पास अन-एकेडमी की टीम से कॉल आया कि आपका एक वीडियो ट्विटर पर खूब वायरल हो रहा है. आप उस वीडियो को डिलीट कर दीजिए. उसके बाद मैंने अन-एकेडमी के कहने से वो वीडियो डिलीट कर दिया.

आपको कैसे पता चला कि नौकरी से निकाल दिया गया है? अनएकेडमी की तरफ से कोई लेटर मिला या कैसे आपको इन्फॉर्म किया? नौकरी से निकालते वक्त आपसे क्या बात हुई?

मेरे पास अनएकेडमी की मेल आई थी. कहा गया कि आपने Unacademy की टीशर्ट डालकर अपने यूट्यूब चैनल पर एक ऐसी स्टेटमेंट दी है कि जो अपने आप में पॉलिटिकल है, इसी वजह से हम आपको टर्मिनेट कर रहे हैं क्योंकि ये हमारे कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है.

लेकिन ये नहीं बताया गया कि पॉलिटिकली नेचर होता क्या है, कौन से बयान को आप पॉलिटिकल स्टेटमेंट बोलेंगे, क्या एक जनरल स्टेटमेंट को भी पॉलिटिकल इन नेचर ट्रीट किया जाएगा. मुझे 17 अगस्त को मेरे पास मेल आई और उसमें लिखा हुआ था कि "You are immediately terminated from Unacademy"

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Unacademy ने कहा है कि 'हम एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म हैं, जो क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराने के लिए कमिटेड है. इसे लेकर हमने हमारे टीचर्स के लिए एक सख्त कोड ऑफ कंडक्ट लागू किया है, ताकि स्टूडेंट्स को निष्पक्ष ज्ञान मिल सके. क्या आपको इस बात की जानकारी नहीं थी? अगर थी तब आपने ऐसा क्यों किया?

मुझे उस बात की जानकारी थी और एग्रीमेंट में लिखा भी हुआ है लेकिन जो बात मैंने बोली है वो पॉलिटिकल इन नेचर नहीं है और ना ही मैंने वो बात अन-एकेडमी के प्लेटफॉर्म पर बोली है. मैंने वो बात As a general statement दी है. एक शिक्षक होने के नाते, मेरा फर्ज और दायित्व बनता है कि मैं अपने बच्चों को एक सही दिशा में ले जा सकूं क्योंकि स्कूल टाइम में मेरे शिक्षक ने मुझे सिखाया था कि आप सब्जेक्ट पढ़ो लेकिन उसके साथ-साथ आपको सामाजिक ज्ञान होना चाहिए, आपको समाज में उठना-बैठना पता होना चाहिए, क्या सही है और क्या गलत है इस चीज को आपको पता होना चाहिए. उस कंटेक्स्ट में मैंने वो बात बोली लेकिन अन-एकेडमी को लगा कि ये एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट दे रहे हैं, ये एक पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं.

मुझे लगता है कि एक मिसअंडरस्टैंडिंग हुई है, उन्होंने उस चीज को गलत समझ लिया.

वायरल वीडियों में आप सभी नेताओं की बात कर रहे थे या किसी स्पेसिफिक पार्टी या नेता की बात कर रहे थे?

मैंने अपने वीडियो में कहीं भी 'नेता' शब्द का नाम ही नहीं लिया है. ये अपने मुताबिक गलत समझ लिया गया है. जो उन अपने हिसाब से उचित लगा, वो उन्होंने समझा है. मेरी वीडियो देख लीजिए मैंने नेता नहीं बोला है. और नेता तो कोई भी हो सकता है. एक सामान्य आदमी ही नेता है ना...

आपका जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें आपने जो बातें कही हैं...लोगों से जो अपील आपने की है क्या अब भी आप उस पर कायम हैं या नहीं?

लोगों को नहीं, मैंने अपने स्टूडेंट्स को कहा था कि आप जब भी वोट करें एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को वोट करें. व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया मैंने और मैं आज भी उस बात पर अमल करता हूं, आज भी उस बात कायम हूं कि जो मैंने कहा ठीक कहा और वो मेरे सभी स्टूडेंट्स के लिए एक जनरल स्टेटमेंट थी. मैं अपने स्टूडेंट्स को एक सही दिशा दिखाना चाहता था...ये उनके ऊपर है कि वो जिस हिसाब से समझना चाहते हैं समझ सकते हैं. लेकिन एक शिक्षक का दायित्व बनता है कि वो अपने बच्चों को संपूर्ण शिक्षा दे.

"मैं अपनी बात पर कायम हूं"

करण सांगवान ने कहा कि संपूर्ण शिक्षा ये नहीं होती है कि आप एक सबजेक्ट पढ़ाएं. उसके अलावा भी सामाजिक ज्ञान और सारी चीजें आपको देनी पड़ती है. उसी रेफरेंस में मैंने अपने बच्चों को बोला था. मैं हमेशा चाहता हूं कि मेरे बच्चों का भला हो, किसी भी स्टूडेंट का नुकसान ना हो. इसलिए मैंने वो बात बोली और मैं उस बात पर कायम हूं.

कई लोग ये भी बोल रहे हैं कि आप अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने वाले थे, इसलिए आपने ऐसा किया कि विवादों में आकर चैनल को फायदा हो जाएगा...इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

जो लोग बोल रहे हैं, उनको तो मैं कुछ कह नहीं सकता हूं. मैं Well Stablished हूं. मेरे जितने भी पुराने वीडियोज हैं उस पर कमेंट देख लीजिएगा. हर एक स्टूडेंट मुझसे पढ़कर पर संतुष्ट हैं. अगर कोई बच्चा मुझसे एक सबजेक्ट पढ़ता है, तो वो चाहता है कि आप सारे सबजेक्ट मुझे पढ़ाइए. ऐसा कुछ भी नहीं है. मेरे यूट्यूब चैनल पर अच्छे सब्सक्राइबर्स (45 हजार) थे, वीडियो वायरल होने से पहले ही और मैं बहुत अच्छा कर रहा था.

सोशल मीडिया का कुछ नकारात्मक असर होता है, जिसका जो मन कर रहा है बोल रहा है...बोलते रहिए, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता है.

क्या लीगल पाठशाला के अलावा भी आपका कोई यूट्यूब चैनल है और आपने इसको कब शुरू किया था?

मेरे पास एक ही चैनल है, लीगल पाठशाला. मैंने इसकी शुरुआत शायद अक्टूबर 2013 या 2014 में शुरू किया था. वो चैनल मैंने मजाक-मजाक में शुरू किया था. पहली वीडियो अगर आप देखोगे, तो उसमें हम चार-पांच दोस्त हैं, किसी बाइक पर बैठे हुए हैं. उसके बाद धीरे-धीरे मैंने उस पर एजुकेशनल वीडियोज डालनी शुरू की.

मेरा चैनल बहुत पुराना है, अनएकेडमी से तो मैं बाद में जुड़ा हूं. मैं पहले से ही स्टूडेंट्स को फ्री में पढ़ा रहा था और आगे भी मैं अपने यूट्यूब चैनल से पढ़ाता रहूंगा.

आप अनएकेडमी से कई सालों से जुड़े हुए हैं और साइड में अपना भी चैनल चला रहे थे. क्या कंपनी ने कभी इस बात पर आपत्ति नहीं जताई?

अनएकेडमी ने मेरे साथ इस चीज को लेकर इनटेग्रेशन कर रखा था. कंपनी मेरे यूट्यूब चैनल को अनएकेडमी पर प्रमोट करने के लिए पैसे भी देता था. जितनी भी मेरी वीडियोज होती हैं, हर वीडियो में मैं अपने सब्सक्राइबर्स को कहता हूं कि वो अनएकेडमी प्लेटफॉर्म से जुड़ें. अनएकेडमी ने अपने कॉमर्शियल उद्देश्य के लिए भी इसका प्रयोग किया है.

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