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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर, कश्मीर का सेब बागान बर्फ की चादर से ढका हुआ है. जिसकी वजह से 8 हजार करोड़ की सेब इंडस्ट्री पर भारी मुसीबत आ गई है. बेमौसम बर्फबारी से कारोबार की स्थिति काफी खराब हो गई है.
शोपियां में रहने वाले फ्रूट ग्रोवर एंड डीलर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मोहम्मद अशरफ वानी का कहना है कि- 'यहां जो बर्फबारी हुई 6-7 नवंबर के बीच, ये टाइम कश्मीर में बर्फ गिरने का नहीं है. अभी शोपियां में जो फल तोड़े नहीं गए थे, वो खराब हो गए हैं. दूसरा यहां के जो पेड़ हैं, उन पर काफी बुरा असर पड़ा है. लग रहा है कि पेड़ों को जो नुकसान हुआ है, वो 70-80% तक बगीचों में ही नुकसान हुआ है, कुछ पेड़ों की टहनियां टूट गई हैं, तो कुछ जड़ से उखड़ गए हैं. यहां पर काफी ज्यादा फल तोड़े भी नहीं गए थे और जो तोड़े जा चुके थे. आप देख रहे हैं कि चारों तरफ बर्फ की चादर है उसकी वजह से फलों की क्वालिटी पर असर पड़ा है.'
सेब कारोबारी मोहम्मद याकूब का सालाना टर्नओवर करीब 6-7 करोड़ रुपये था. लेकिन इस साल इतना नहीं हुआ.
वानी बताते हैं कि NAFED सेब उगाने वालों से माल खरीद रहा है लेकिन प्रक्रिया काफी लंबी और ब्यूरोक्रेटिक है, सरकार अच्छे दाम दे रही है लेकिन जब सेब उगाने वालों को पैसे नहीं मिल रहे हैं तो उस रेट का कोई मतलब नहीं है. वो कहते हैं कि-
इस वजह से उस स्कीम का सेब उगाने वालों को जो फायदा मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पा रहा है. हम सरकार से यही गुजारिश करते हैं कि ये जो प्रक्रिया है, उसे थोड़ा आसान बनाया जाए ताकि सेब उगाने वाले ज्यादा से ज्यादा फल NAFED को बेच सके.
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