Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News videos  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019इंटरनेट बैन के कारण कश्मीर में मजदूरी करने को मजबूर है जर्नलिस्ट

इंटरनेट बैन के कारण कश्मीर में मजदूरी करने को मजबूर है जर्नलिस्ट

कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से बंद है इंटरनेट

क्विंट हिंदी
न्यूज वीडियो
Updated:
कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से बंद है इंटरनेट
i
कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से बंद है इंटरनेट
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: अपर्णा सिंह

‘2 महीने बाद (इंटरनेट शटडाउन के) जब हालत खराब हो गए, मुझे (दिहाड़ी) मजदूरी का काम करने का फैसला लेना पड़ा.’
मुनीब-उल-इस्लाम, फोटो जर्नलिस्ट
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं के बंद के बाद से फोटो जर्नलिस्ट मुनीब-उल-इस्लाम कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करने को मजबूर हैं.

मुनीब ने बताया, 'मैं पिछले 10 सालों से साउथ कश्मीर से एक फोटोग्राफर के तौर पर काम कर रहा हूं. 5 अगस्त (आर्टिकल 370 हटने के बाद) के बाद से यहां हालात खराब हो गए, घर की हालत भी ठीक नहीं थी. मेरे पास बिल्कुल पैसे नहीं थे. घर के खर्चे चलाने थे, इसलिए मैंने ये रास्ता चुना और कई दिनों तक मजदूरी की.

कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले मुनीब पिछले काफी समय से एक फ्रीलांस फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं. वो द क्विंट समेत कई नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया एजेंसी और न्यूजरूम को कॉन्ट्रीब्यूट करते हैं.

'मीडिया सेंटर में रिपोर्टर्स के लिए इंटरनेट नहीं'

मुनीब ने क्विंट को बताया कि जर्नलिस्ट के लिए भी इंटरनेट सेवाएं नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'श्रीनगर में एक मीडिया सेंटर है, लेकिन वहां पहुंचने के लिए 1,500 रुपये रोजाना लगते हैं. ये काफी ज्यादा है. और ऑफिस इतना पैसा नहीं देता कि ये खर्च निकल जाए.'

उन्होंने बताया कि अनंतनाग, पुलवामा से लेकर शोपियन और कुलगाम तक में रिपोर्टर्स ऐसे हालातों का सामना कर रहे हैं.

'हालात में ज्यादा सुधार नहीं'

मुनीब ने बताया कि कश्मीर में इंटरनेट बंद है, लेकिन रोजाना के काम चालू हैं. उन्होंने कहा, 'सिविल ट्रांसपोर्ट चल रहा है, जिसकी वजह से मैं श्रीनगर मीडिया सेंटर जाकर अपनी स्टोरी भेज पाता हूं.'

‘वो हमारे साथ ऐसा बर्ताव करते हैं, जैसे मीडिया वालों ने सब कुछ किया हो, हम इसके लिए (कश्मीर में जो हो रहा है) जिम्मेदार हैं. जैसे नेताओं को बंद करके रखा है, वैसे ही हमें भी बंद कर देते हैं, जैसे हम ही इसके जिम्मेदार हों, लेकिन हम तो जिम्मेदार नहीं हैं इस हालत के.’
मुनीब-उल-इस्लाम, फोटो जर्नलिस्ट

मुनीब ने कहा कि सरकार को फोटो जर्नलिस्ट को सुविधाएं देनी चाहिए, ताकि वो अपना काम कर सकें. उन्होंने कहा कि श्रीनगर की तरह सभी जिलों में मीडिया सेंटर होना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 18 Dec 2019,05:33 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT