Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019श्रीनगर ग्राउंड रिपोर्ट 4: ‘ईद पर बच्चे को बुलाएं भी तो किसलिए?’

श्रीनगर ग्राउंड रिपोर्ट 4: ‘ईद पर बच्चे को बुलाएं भी तो किसलिए?’

उन परिवारों पर क्या बीत रही है, जिनके बच्चे, रिश्तेदार घाटी से बाहर देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे हैं.

शादाब मोइज़ी
वीडियो
Published:
(फोटो: क्विंट हिंदी)
i
null
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

वीडियो प्रोड्यूसर: कौशिकी कश्यप

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370, 35 'ए' हटाए जाने के फैसले के बाद यहां के लोगों को बाकी देश से संपर्क करने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में क्विंट हिंदी पहुंचा है श्रीनगर. क्विंट ग्राउंड रिपोर्ट की इस स्पेशल सीरीज में आप देख रहे हैं श्रीनगर की जमीनी हकीकत.

इस कड़ी में देखिए घाटी में कम्यूनिकेशन ठप पड़ने पर उन परिवारों पर क्या बीत रही है, जिनके बच्चे, रिश्तेदार देश के दूसरे हिस्से या विदेशों में रह रहे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

श्रीनगर के बशीर अहमद और उनका परिवार दिल्ली में नौकरी करने आए खालिद का हाल जानने को बेहाल है. खालिद की मां कहती हैं,

“उससे बात नहीं हुई 4 दिन बीत गए. बहुत परेशान हूं. यहां कोई सुविधा नहीं है.” 
<b>हामिदा, </b><b>खालिद की मां</b>

हालांकि खालिद के पिता बशीर अहमद किसी तरह उनसे संपर्क करने में कामयाब हो गए.

“हम दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. कई जगह गए उससे संपर्क करने के लिए लेकिन कहीं नहीं हो पाया. सुबह मैं थाने में गया, वहां मैंने उनसे पूछा कि कोई हेल्पलाइन है तो उन्होंने नकार दिया. कई और जगहों पर गया तो मुझे एक ऑफिसर मिले. फिर मैंने संपर्क किया. उन्होंने फोन से बात करने दी, मैंने बच्चे से बात की. खैरियत पूछ लिया.”
बशीर अहमद, <b>खालिद के पिता</b>

बशीर को फोन पर खालिद ने बताया कि वो श्रीनगर आ रहे हैं. लेकिन खुद बशीर नहीं चाहते कि वो फिलहाल घर वापस आएं. इसकी वजह वो बताते हैं,

“उन्होंने बकरीद के लिए 12 तारीख की टिकट बुक की है लेकिन मैंने उसे कहा कि आप सोच लीजिए. यहां घूमने-फिरने की कोई आजादी नहीं है. यहां आप बड़ा दिन मनाने आ रहे हैं लेकिन हम उस हालत में नहीं हैं. न ही हमें यहां खाना मिल रहा है. पैसे नहीं हैं, काफी गुरबत है.”&nbsp;

फिलहाल घाटी में हालात ऐसे हैं कि खाने-पीने की चीजें भी लोगों को आसानी से मुहैया नहीं हो पा रही. सारे बैंक बंद हैं. ऐसे में परिवार बाहर रहने वाले बच्चों को पैसे भी नहीं भेज पा रहे.

श्रीनगरके ही नजीर अहमद ने बताया कि

“मेरा भांजा-भांजी दोनों बाहर हैं. पता नहीं वो किस हाल में होंगे. जो भी यहां के बच्चे बाहर हैं, वो पता नहीं, सुरक्षित हैं या नहीं. हालात खराब हैं. सब बंद है इधर, कर्फ्यू है. सिर्फ एयरपोर्ट रोड खुला है. बाहर के लोगों को जाने देते हैं. पता नहीं क्या हालात हो जाएंगे.”&nbsp;

वो काफी मायूसी से अपनी बात ये कहते हुए खत्म करते हैं, "सबकुछ खत्म है, इधर कुछ रहा ही नहीं अब."

आर्टिकल 370 पर फैसला लागू के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लगा है और मोबाइल, इंटरनेट सेवा बंद है. राज्य में बड़ी तादाद में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT