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महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़ा उलटफेर हो गया है. महाराष्ट्र की सियासत में की कई दिनों से जमी कयासों की बर्फ एक झटके में पानी हो गई. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा सीएम पद की शपथ ले ली है. वहीं फडणवीस के साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ. महाराष्ट्र की सियासत में 23 नवंबर की सुबह कुछ ऐसी बदली जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी. बीजेपी ने रातोंरात बाजी पलटते हुए एनसीपी नेता अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली और शिवसेना को इस गठबंधन की खबर तक नहीं लगी. महाराष्ट्र के वोटर को चुनाव के एक महीने बाद उसका सीएम मिल गया.
अब तक सब मानकर चल रहे थे कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बना रहे हैं. तीनों पार्टियों में आपस में भी लंबे दौर की बातचीत चल रही थी. वहीं बीजेपी भी कह चुकी थी कि सरकार बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है.
देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के बाद कहा,
साथ ही फडणवीस ने एनसीपी नेता अजीत पवार का शुक्रिया भी कहा. फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेने के कुछ ही देर बाद पीएम मोदी ने भी सरकार बनने पर फडणवीस और अजित पवार को बधाई दी.
अब सबकी दिलचस्पी यही जानने में है कि ये सब जो हुआ है इसके पीछे की रणनीति क्या है. इसकी बैकस्टोरी क्या है?
इस बड़े उलटफेर के पीछे जो सबसे बड़ा चेहरा है वो है एनसीपी नेता अजित पवार. इस उठापटक के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा,
तो अब सवाल उठता है कि क्या बीजेपी ने एनसीपी को तोड़ दिया है. क्या अजित पवार के पास इतने विधायक है कि वो बीजेपी की सरकार बनवा सकें?
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में शिवसेना नेता संजय राउत ने अजित पवार पर जमकर हमला बोला. संजय राउत ने कहा,
आरोप-प्रतिआरोप का दौर शुरू हो चुका है. लेकिन इन सब के बीच कई सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं. धीरे-धीरे तस्वीर साफ होगी. लेकिन जो भी हो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार के लिए ये खबर किसी भूकंप के झटके से कम नहीं है.
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Published: 23 Nov 2019,11:34 AM IST