Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘दीदीगिरी से नारेबाजी’ तक, ममता बनर्जी के कई रंग  

‘दीदीगिरी से नारेबाजी’ तक, ममता बनर्जी के कई रंग  

ममता बनर्जी की जिंदगी में जुड़ गया एक और शानदार साल  

हेरा खान
वीडियो
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(फोटो: क्विंट हिंदी)
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उर्फ 'दीदी' की जिंदगी में जुदा एक और शानदार साल. एक बंगाल नेता का करियर जो 3 दशकों में काफी उतर चढ़ाव से गुजरा और उतना ही इंट्रेस्टिंग रहा. चाहे वो मजाकिया भाषण हो या नारेबाजी- हर तरह से ममता बनर्जी ने लोगों को संबोधित किया है.

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चाहे आप बंगाली हो या नहीं, चाहे आप ममता समर्थक हो या नहीं लेकिन फिर भी आप उन्हें अनदेखा नहीं कर सकते. दीदी के जन्मदिन पर देखिये उनके कुछ अनोखे रंग-

एंग्री दीदी का मजाकिया अंदाज

दीदी को अनदेखा करना बहुत मुश्किल है खास कर उनके वनलाइनर, हाल ही में उन्होंने एक रैली में कहा-

वो [अमित शाह] बंगाल में वोट मांग रहे हैं वो यहां NRC को लागू करेंगे, ‘हाथी’ उसे वोट देंगे! कोई उन्हें ठेंगा भी नहीं देगा! “हम तो (एनआरसी को लागू करने) करेंगे हम चट्टान की तरह हैं”, मैंने कहा- आप अगर चट्टान की तरह हैं, तो हम भी छोटे चूहे की तरह हैं इतना कम मत समझना, भईया! आप चट्टान की तरह खड़े होंगे हम कुतर-कुतरकर उसको काट देंगे!

सिर्फ इतना ही नहीं ममता दीदी रैलियों में शायरी भी करती हैं-

खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है?’

मारक तंज से भरा दीदी का भाषण

ममता बनर्जी की हुई आलोचनाओं का अंदाज सभी जानते हैं, लेकिन TMC सुप्रीमों का विरोधियों की आलोचना करने का तरीके कुछ अलाद है. एक रैली में पीएम मोदी की आलोचना करते हुए ममता बनर्जी ने कहा- 'हमें 56 इंच का सीना मत बताओ, वो 560 झूठ 56 इंच का सीना दिखा कर बोलते हैं.'

इतना ही नहीं नारेबाजी के लिए ममता दीदी हमेशा तैयार रहती हैं, हाल ही में लागू हुए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में ममता बनर्जी ने अपनी रैली में नारा दिया- 'CAA-CAA, छी-छी'

मां, माटी, मानुष की नेता, बंगाल की 'चीफ स्ट्रीट फाइटर'

ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के तौर पर अपना दूसरा टर्म पूरा कर रही हैं उनका मानना है कि वो उनके विरोधियों से बंगाल में सड़कों पर लोगों के बीच जा कर अपने विरोधियों से लदेन्गेइ और उन्हें हराएंगी.

दीदी जहां खड़ी होती हैं लाइन वहां से शुरू होती है

ये कहना गलत नहीं होगा कि ‘दीदी जहां खाड़ी होती है लाइन वाकई में वहीं से शुरू होती है’ छात्र नेता से शुरू हुए दीदी के इस सफर में उन्होंने 'एकला चलो रे' की राह पकड़ी थी, लेकिन जब भी दीदी रोड शो के लिए पैदल निकलती हैं तो पूरा कारवां उनके साथ निकल पड़ता है.

इस खास दिन पर दीदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं!

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